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सावधान! 19 मिनट 34 सेकेंड के वायरल MMS का लिंक है खतरनाक, क्लिक किया तो खाली हो जाएगा बैंक अकाउंट

On: December 5, 2025 6:18 PM
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Cyber Fraud: साइबर अपराधियों ने लोगों को धोखा देने के लिए अब एक नई चाल चलनी शुरू कर दी है। सुरक्षा के तमाम उपायों के बावजूद अपराधी लगातार हमले का तरीका बदल रहे हैं। अब वायरल अश्लील MMS के नाम पर एक खतरनाक मैलवेयर फैलाया जा रहा है, जो देखते ही देखते फोन और कंप्यूटर की सुरक्षा भेद देता है।

साइबर विशेषज्ञों के अनुसार, इन दिनों 19 मिनट 34 सेकेंड का एक नकली वायरल वीडियो लिंक व्हाट्सऐप, टेलीग्राम और अन्य निजी मैसेजिंग ऐप्स पर तेजी से प्रसारित किया जा रहा है। उपयोगकर्ता जैसे ही उस वीडियो पर क्लिक करते हैं, उन्हें पता भी नहीं चलता और बैंकिंग ट्रोजन उनके डिवाइस में इंस्टॉल हो जाता है। यह ट्रोजन चुपके से बैंकिंग लॉग‑इन, पासवर्ड और ओटीपी कैप्चर कर लेता है और अपराधी कुछ ही मिनटों में खातों को खाली कर देते हैं।

इस वीडियो को मेघालय की मशहूर इंस्टाग्राम इन्फ्लुएंसर Sweet Zannat के नाम के साथ जोड़ा जा रहा है। हालांकि उन्होंने इसे डीपफेक या AI से बना हुआ बताया है। वहीं कुछ लोग इसे पुराना एडल्ट कंटेंट बताकर खूब वायरल कर रहे हैं। सच जो भी हो, लेकिन  इस वीडियो को देखना, डाउनलोड करना, फॉरवर्ड करना या शेयर करना गंभीर अपराध है। इसके अलावा वायरल अफवाह का फायदा उठाकर कई फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट लिंक शेयर कर रहे हैं। इन लिंक पर क्लिक करते ही मोबाइल या कंप्यूटर में मैलवेयर इंस्टॉल हो सकता है, जिससे डेटा चोरी, बैंकिंग फ्रॉड और अकाउंट हैकिंग का खतरा बढ़ जाता है। लिंक किसी दिलचस्प, लीक हुए या वायरल वीडियो जैसा दिखता है। यूज़र के क्लिक करते ही डिवाइस की कई परमिशन हैकर्स को मिल जाती हैं। स्क्रीन कभी काली हो जाती है, तो कभी एक नकली लॉग‑इन स्क्रीन दिखाई जाती है। यूज़र जब अनजाने में पासवर्ड या ओटीपी टाइप करता है, तभी साइबर अपराधी रियल‑टाइम में खाते तक पहुंच बना लेते हैं।

हैकर्स इलेक्ट्रॉनिक फिशिंग में इतने माहिर हो चुके हैं कि उपयोगकर्ता को शुरुआत में कोई असामान्यता महसूस भी नहीं होती। वीडियो की जगह एक लोडिंग पेज या फर्जी प्लेयर दिखाकर बैंकिंग ट्रोजन, इंफो‑स्टीलर या अन्य मैलवेयर इंस्टॉल कर दिया जाता है।

क्यों है यह हमला ज्यादा खतरनाक?

डिवाइस की सुरक्षा सेटिंग्स बिना जानकारी के बदल जाती हैं। फोन का पूरा नियंत्रण अपराधियों के हाथ में चला जाता है। असली स्क्रीन को ओवरराइड कर नकली इंटरफेस दिखाया जाता है। उपयोगकर्ता को नुकसान का एहसास तब तक नहीं होता जब तक बैंक खाते से पैसे गायब नहीं हो जाते।

कैसे बचें?

साइबर विशेषज्ञों की स्पष्ट सलाह है:

• अज्ञात लिंक, वायरल वीडियो या संदिग्ध URL पर बिल्कुल क्लिक न करें।

• केवल विश्वसनीय स्रोतों से प्राप्त लिंक ही खोलें।

• फोन में बिना जरूरत ऐप्स को अनुमतियां (permissions) न दें।

• बैंकिंग लेनदेन करते समय अतिरिक्त सावधानी बरतें।

एक गलत क्लिक आपके फोन से लेकर बैंक खाते तक, सब कुछ जोखिम में डाल सकता है। इसलिए सतर्क रहें और अनजान लिंक से दूरी बनाए रखें।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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