चाईबासा: पश्चिमी सिंहभूम जिले में पुलिस ने एक बड़े बाल तस्करी और संभावित धर्म परिवर्तन मामले की जांच तेज कर दी है। जिले से 27 बच्चों को बेहतर शिक्षा और उज्ज्वल भविष्य का लालच देकर नेपाल ले जाने का मामला सामने आया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को इस मामले की पुष्टि की।
दो बच्चों की वापसी से खुला राज
मामला तब सामने आया जब तस्करी के शिकार दो बच्चे किसी तरह नेपाल से भागकर अपने गांव लौट आए। बच्चों ने घर पहुंचकर माता-पिता को पूरी आपबीती सुनाई, जिसके बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस हरकत में आई। दोनों बच्चों ने बताया कि नारायण कांडयांन नाम के व्यक्ति ने ग्रामीण मुंडा राम जोंको के माध्यम से बच्चों के परिजनों को विश्वास में लिया था कि उनके बच्चों को नमो बुद्धा मेडिटेशन सेंटर, काठमांडू (नेपाल) में रहना, खाना और मुफ्त उच्च शिक्षा मिलेगी. इन आश्वासनों में आकर परिजन बच्चों को भेजने के लिए तैयार हो गए और 27 बच्चे नेपाल के लिए रवाना हो गए।
SP ने दिए सख्त निर्देश, गांव भेजी विशेष टीम
पुलिस अधीक्षक अमित रेणु ने बताया कि विशेष जांच टीम को गांव भेजकर पूरे मामले की पड़ताल की गई। जांच में यह सामने आया कि अब तक 6 बच्चे अपने गांव सुरक्षित लौट आए हैं, जबकि 21 बच्चे अभी भी नेपाल में ही हैं। सभी बच्चों को सकुशल वापस लाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं।
धर्म परिवर्तन के आरोप भी शामिल
जांच में यह बात भी सामने आई है कि बच्चों को बहकाकर ले जाने वाले लोग धर्म परिवर्तन का प्रयास कर सकते हैं। इस पहलू को भी प्राथमिकता के साथ जांच में शामिल किया गया है।
FIR दर्ज, जांच कई कोणों से जारी
कथित तस्करी मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर ली है। SP रेणु ने कहा कि केस बेहद संवेदनशील है, इसलिए सभी पहलुओं की गहराई से जांच की जा रही है।
अधिकारियों ने यह भी स्पष्ट किया कि जांच जारी रहने के कारण फिलहाल अधिक जानकारी साझा करना संभव नहीं है।
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