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अन्ना हजारे एक बार फिर करेंगे 30 जनवरी से अनशन,, बोले मेरी अंतिम सांस तक..!

On: December 12, 2025 7:00 AM
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एजेंसी:महाराष्ट्र में प्रसिद्ध समाजसेवी अन्ना हजारे ने एक बार फिर आमरण अनशन का ऐलान कर राजनीतिक गलियारे में खलबली मचा दी है। उन्होंने ऐलान करते हुए कहा कि मैं 30 जनवरी, 2026 से अनशन पर बैठूंगा। यह अनशन मेरी आखिरी सांस तक चलेगा।
अन्ना हजारे के ऐलान से महाराष्ट्र के नागपुर में चल रहे शीतकालीन सत्र का सियासी माहौल गर्म हो गया है। अन्ना ने ऐसे वक्त पर अनशन का ऐलान किया है जब केंद्र में पीएम नरेंद्र मोदी और महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस सीएम हैं। दोनों जगहों पर बीजेपी और एनडीए सत्ता में है। अन्ना हजारे आखिरी बार 2011 में दिल्ली के रामलीला ग्राउंड पर अनशन पर बैठे थे, तब उनके अनशन ने पूरे देश में तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार के खिलाफ देशभर में चिंता पैदा करने वाला माहौल बना दिया था। इसके बाद 2014 के चुनावों में केंद्र से कांग्रेस की विदाई हो गई थी।

सीएम फडणवीस को दी चेतावनी
अन्ना हजारे के इस बार निशाने पर महाराष्ट्र सरकार है। अन्ना हजारे की मांग है कि महाराष्ट्र में लोकायुकत कानून लागू किए जाने में देरी हो रही है। लोकायुक्त को मंजूरी मिले दो साल बीत चुके हैं, लेकिन अभी तक सरकार ने कानून को लागू नहीं किया है। सरकार के स्तर पर हो रही देर से अन्ना हजारे नाराज हैं। उन्होंने महाराष्ट्र में लोकायुक्त कानून लागू नहीं किए जाने को लेकर ही आमरण अनशन की योजना बनाई है। अब उन्होंने बाकायदा इसका ऐलान कर दिया है। उन्होंने राज्य के सीएम देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर तुंरत लोकायुक्त कानून को लागू करने की मांग की है। अन्ना हजारे के आमरण अनशन पर बैठने की तिथि का खुलासा ऐसे वक्त पर हुआ है जब पूरी सरकार विधानमंंडल सत्र को अटेंड करने के लिए राज्य की दूसरी राजधानी नागपुर में है।

कहां पर अनशन करेंगे अन्ना हजारे?
अन्न हजारे दिल्ली के रामलीला मैदान की तर्ज पर ही अपने निवास स्थान रालेगण सिद्धि में आमरण अनशन पर बैठेंगे। उन्होंने कहा है कि हार्ट अटैक से मरने से बेहतर है कि मैं देश और समाज के हित अपने प्राणों का त्योग करूं। अन्ना हजारे लंबे समय से राज्य में सशक्त लोकपाल की मांग कर रहे हैं। दिल्ली में भी उनका आंदोलन और आमरण अनशन लोकपाल कानून के लिए ही था। अन्ना के ऐलान से शीतकालीन सत्र के बीच राजनीतिक तौर पर पारा चढ़ा दिया है। अब देखना यह है कि अन्ना के ऐलान पर सरकार पहले रास्ता निकालती है या फिर 88 साल के अन्ना हजारे को एक आमरण अनशन के लिए विवश होना पड़ेगा।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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