नेपीडॉ/रखाइन: म्यांमार इन दिनों भीषण गृहयुद्ध की चपेट में है। इसी संघर्ष के बीच 10 दिसंबर की रात रखाइन प्रांत के म्राउक-यू टाउनशिप में एक बड़ा हमला हुआ, जिसमें स्थानीय मुख्य अस्पताल पूरी तरह तबाह हो गया। यह अस्पताल अराकान आर्मी (Arakan Army) के नियंत्रण वाले क्षेत्र में संचालित हो रहा था।
अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी एसोसिएटेड प्रेस (AP) ने स्थानीय रेस्क्यू टीमों और स्वतंत्र मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए बताया कि एयरस्ट्राइक में 35 मरीज और स्वास्थ्यकर्मियों की मौत हो गई, जबकि करीब 80 लोग घायल हो गए। मरने वालों में 18 पुरुष और 17 महिलाएं शामिल हैं।

जेट फाइटर ने गिराए दो बम
रखाइन के एक वरिष्ठ रेस्क्यू अधिकारी ने बताया कि हमला ठीक रात 9:13 बजे हुआ। उनके अनुसार एक जेट फाइटर विमान ने दो बम गिराए। पहला बम रिकवरी वार्ड के अंदर फटा और दूसरा बम अस्पताल की मुख्य इमारत के पास विस्फोट हुआ। धमाके इतने शक्तिशाली थे कि अस्पताल का बड़ा हिस्सा मलबे में बदल गया। आसपास खड़ी टैक्सियों, मोटरबाइकों और अन्य वाहनों को भी भारी नुकसान हुआ।
मलबे में बदला अस्पताल
रखाइन के कई ऑनलाइन मीडिया आउटलेट्स द्वारा साझा किए गए वीडियो और तस्वीरों में अस्पताल की दीवारें और छतें ढही हुई नजर आ रही हैं। टूटे मेडिकल उपकरण, स्ट्रेचर और सिलेंडर मैदान में बिखरे हुए हैं। कई हिस्सों में धुएं और आग के चिह्न दिखाई दे रहे हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार यह अस्पताल क्षेत्र के लिए मुख्य मेडिकल सेंटर का काम कर रहा था, क्योंकि गृहयुद्ध के चलते अधिकांश सरकारी अस्पताल बंद पड़े हैं।

घटना पर सेना की चुप्पी
अब तक म्यांमार की सेना या सरकार ने इस हमले पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है। स्थानीय सूत्रों का दावा है कि अस्पताल में अराकान आर्मी के घायल लड़ाके इलाज करा रहे थे। कुछ विद्रोही अस्पताल परिसर में छिपे भी हो सकते थे। हालांकि इस दावे की स्वतंत्र पुष्टि नहीं हो सकी है। अराकान आर्मी, रखाइन की एथनिक ग्रुप अराकान नेशनल मूवमेंट की सशस्त्र विंग है, जो लंबे समय से केंद्र सरकार से अधिक स्वायत्तता की मांग कर रही है।
रखाइन में गृहयुद्ध तेज
नवंबर 2023 से अराकान आर्मी ने रखाइन में बड़ा आक्रामक अभियान शुरू किया था। इस दौरान कई सैन्य चौकियों पर कब्जा, एक प्रमुख रीजनल आर्मी कमांड सेंटर पर नियंत्रण, राज्य के 17 में से 14 टाउनशिप पर प्रभाव स्थापित किया। म्राउक-यू, जहां हमला हुआ, पिछले साल फरवरी में ही विद्रोही संगठन के नियंत्रण में आ गया था। हाल ही में डॉक्टरों के लौटने के बाद अस्पताल ने पुनः सेवा देना शुरू किया था। अब इस हमले के बाद क्षेत्र में चिकित्सा सुविधाएं लगभग समाप्त हो गई हैं।
मानवीय संकट गहराया
रखाइन पहले से ही युद्ध, इंटरनेट बंदी, खाद्य संकट और विस्थापन से जूझ रहा है। अस्पताल पर यह हमला स्थिति को और भयावह बना रहा है, क्योंकि घायल लोगों को उपचार के लिए कोई वैकल्पिक बड़ा अस्पताल उपलब्ध नहीं है। दवाइयों और मेडिकल स्टाफ की भारी कमीहै। सड़कों और संचार लाइनों में लगातार व्यवधान उत्पन्न हो जाती है। स्थानीय संगठनों ने इसे मानवीय कानूनों का गंभीर उल्लंघन बताया है।













