नई दिल्ली: कुख्यात गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के छोटे भाई अनमोल बिश्नोई को अब कम-से-कम एक साल तक तिहाड़ जेल से बाहर नहीं निकाला जाएगा। पटियाला हाउस कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया है, जिसके बाद गृह मंत्रालय (MHA) ने उसके खिलाफ BNSS धारा 303 के तहत आदेश जारी कर दिया।
इस प्रावधान के लागू होते ही देश की कोई भी राज्य पुलिस या केंद्रीय एजेंसी अगले एक वर्ष तक अनमोल बिश्नोई को अपनी कस्टडी में नहीं ले सकेगी। यदि किसी एजेंसी को पूछताछ करनी होगी, तो उन्हें तिहाड़ जेल जाकर ही उससे सवाल-जवाब करने होंगे।
यह वही प्रावधान है जो वर्तमान में उसके बड़े भाई लॉरेंस बिश्नोई पर पहले से लागू है।
अमेरिका से डिपोर्ट होकर आया था अनमोल, एनआईए कर रही पूछताछ
कुछ सप्ताह पहले ही संयुक्त राज्य अमेरिका ने अनमोल बिश्नोई को भारत वापस भेजा था। डिपोर्टेशन के तुरंत बाद उसे विभिन्न मामलों में गिरफ्तार कर एनआईए की कस्टडी में पूछताछ शुरू की गई। एजेंसी के अनुसार, अनमोल विदेश में रहते हुए भी अपने भाई लॉरेंस और गोल्डी बराड़ के साथ मिलकर भारत में आतंकवादी-सुविचारित आपराधिक नेटवर्क चला रहा था।
एनआईए की जांच में सामने आया कि उसने गैंग के शूटरों और स्थानीय गुर्गों को आश्रय, धन और लॉजिस्टिक सपोर्ट उपलब्ध कराया। वह विदेश से ही जबरन वसूलीके नेटवर्क को संचालित करता था। अनमोल ने 2020 से 2023 के बीच कई बड़े आतंकवादी/आपराधिक ऑपरेशनों में सक्रिय भूमिका निभाई।
आरोपों की लंबी लिस्ट
अनमोल बिश्नोई पर कई राज्यों में दर्ज गंभीर आपराधिक मामले उसकी खतरनाक गतिविधियों की लंबी सूची पेश करते हैं।
बाबा सिद्दीकी हत्या केस का मास्टरमाइंड
मुंबई पुलिस के अनुसार, अनमोल बाबा सिद्दीकी की हत्या के पीछे प्रमुख साजिशकर्ता है। पुलिस अब तक 26 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है। बताया जाता है कि हत्या का कारण बाबा सिद्दीकी और सलमान खान के बीच करीबी संबंधों को लेकर पैदा हुआ गैंगस्टर नेटवर्क का गुस्सा था।
सलमान खान के घर फायरिंग में भूमिका
सलमान खान के मुंबई स्थित घर पर हुई फायरिंग की घटना में भी अनमोल बिश्नोई की सीधी भूमिका की जांच जारी है। कई गुर्गों ने पूछताछ में उसके निर्देशों की पुष्टि की है।
सिद्धू मूसेवाला मर्डर केस में शामिल
मई 2022 में पंजाबी सिंगर सिद्धू मूसेवाला की हत्या की साजिश लॉरेंस ने तिहाड़ जेल से ही रची थी। एनआईए के अनुसार, अनमोल ने इस साजिश को अंजाम देने में लॉजिस्टिक सपोर्ट, संपर्क और शूटरों के लिए जरूरी संसाधन उपलब्ध कराई।
गृह मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के अनुसार अनमोल बिश्नोई को किसी भी वजह से जेल से बाहर नहीं ले जाया जा सकता। पूछताछ केवल तिहाड़ परिसर के भीतर ही होगी। यह सुरक्षा प्रोटोकॉल उच्च-जोखिम अपराधियों पर लागू किया जाता है ताकि गिरोह के नेटवर्क को बाहरी संपर्क न मिल सके। यह आदेश उसके भाई लॉरेंस बिश्नोई के समान है, जिन पर पहले से BNSS धारा 303 लागू है।
क्या है BNSS धारा 303?
भारतीय न्याय संहिता (BNSS) की यह धारा अत्यंत खतरनाक अपराधियों के लिए बनाई गई है। यह प्रावधान सुनिश्चित करता है कि आरोपी को लंबे समय तक किसी भी एजेंसी की रिमांड में न लिया जा सके और उसकी गतिविधियों पर पूरा नियंत्रण रखा जा सके।













