झारखंड वार्ता संवाददाता
रांची: नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने रिम्स परिसर में हुए अवैध निर्माण मामले को राज्य सरकार के भ्रष्ट तंत्र का परिणाम बताते हुए रजिस्ट्रार, अंचल अधिकारी (सीओ), रांची नगर निगम और रेरा के जिम्मेदार अधिकारियों को अविलंब निलंबित करने की मांग की है। वे सोमवार को भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित कर रहे थे।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि उच्च न्यायालय के आदेश से रिम्स परिसर में बने अवैध निर्माण को तोड़ा जाना न्यायोचित और स्वागत योग्य है, लेकिन सवाल यहीं खत्म नहीं होता। उन्होंने कहा कि रिम्स परिसर में अवैध निर्माण के लिए राज्य सरकार का भ्रष्ट प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह जिम्मेवार है।
उन्होंने कहा कि जब कोई आम नागरिक फ्लैट या जमीन खरीदता है तो वह सरकार द्वारा जारी दस्तावेजों पर भरोसा करता है। यदि संबंधित जमीन रिम्स की थी, तो फिर उस पर बने फ्लैटों की रजिस्ट्री कैसे कर दी गई। रजिस्ट्रार का दायित्व होता है कि रजिस्ट्री से पहले जमीन की वैधता की जांच करे, लेकिन इस मामले में नियमों की खुलेआम अनदेखी की गई है। उन्होंने कहा कि इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार और रिश्वत की लेनदेन से इनकार नहीं किया जा सकता।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि भ्रष्टाचार के तार नीचे से ऊपर तक जुड़े हुए हैं। यदि ऐसा नहीं है तो फिर रजिस्ट्री के बाद म्यूटेशन इतनी आसानी से कैसे हो गया, जबकि आम आदमी को म्यूटेशन के लिए वर्षों तक दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ते हैं।
बाबूलाल मरांडी ने रांची नगर निगम को भी इस पूरे मामले में दोषी ठहराया। उन्होंने कहा कि आखिर रिम्स की जमीन पर फ्लैटों का नक्शा किसके आदेश से पास किया गया, जबकि उच्च न्यायालय के आदेश से लंबे समय तक नगर निगम में नक्शा पास करने की प्रक्रिया स्थगित थी। आम लोगों से नक्शा पास कराने के लिए दर्जनों दस्तावेज मांगे जाते हैं और फाइलें बार-बार रोकी जाती हैं, फिर अवैध निर्माण के नक्शे इतनी आसानी से कैसे स्वीकृत हो गए।
उन्होंने कहा कि रेरा (रियल एस्टेट रेगुलेटरी ऑथोरिटी) भी अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रही, जिसके कारण आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा। यह मामला सिर्फ अवैध निर्माण का नहीं, बल्कि राज्य के प्रशासनिक तंत्र में गहरे तक फैले भ्रष्टाचार का प्रतीक है।
नेता प्रतिपक्ष ने राज्य सरकार से मांग की कि इस पूरे प्रकरण में शामिल रजिस्ट्रार, सीओ, रांची नगर निगम और रेरा के जिम्मेवार अधिकारियों को तत्काल निलंबित कर उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही जिन निर्दोष लोगों ने फ्लैट खरीदे हैं, उन्हें राज्य सरकार तत्काल वैकल्पिक आवास उपलब्ध कराए और उनके बैंक लोन की जिम्मेदारी भी वहन करे। उन्होंने यह भी मांग की कि दोषी और भ्रष्ट अधिकारियों से नुकसान की भरपाई की जाए।
रिम्स परिसर अवैध निर्माण मामला: बाबूलाल मरांडी ने रजिस्ट्रार, सीओ, नगर निगम व रेरा अफसरों के निलंबन की मांग की











