Jharkhand Weather: झारखंड इन दिनों भीषण ठंड की चपेट में है। बर्फीली हवाओं और घने कोहरे ने पूरे राज्य में जनजीवन को प्रभावित कर दिया है। मौसम विभाग के अनुसार फिलहाल मौसम में किसी बड़े बदलाव के संकेत नहीं हैं और शीतलहर का असर क्रिसमस तक जारी रहने की संभावना है। राजधानी रांची समेत खूंटी, लोहरदगा और लातेहार में घने कोहरे की चादर छाई हुई है, जहां कई इलाकों में दृश्यता घटकर महज 50 मीटर तक सिमट गई है।
घना कोहरा, यातायात पर असर
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि 20, 21 और 22 दिसंबर को कई जिलों में घना कोहरा छाया रह सकता है। विजिबिलिटी में भारी गिरावट के कारण सड़क और रेल यातायात प्रभावित होने की आशंका है। सुबह और रात के समय हालात और भी चुनौतीपूर्ण बने हुए हैं, जिससे लोगों को आवागमन में परेशानी झेलनी पड़ रही है।
इन जिलों में शीतलहर का सबसे ज्यादा असर
शनिवार (20 दिसंबर) को पलामू, गढ़वा, चतरा, रांची, हजारीबाग, लातेहार, लोहरदगा, खूंटी, कोडरमा और चाईबासा जिलों के लिए शीतलहर का विशेष अलर्ट जारी किया गया है। इन इलाकों में बर्फीली हवाओं का असर सबसे अधिक देखा जा रहा है, जिससे घर से निकलना भी मुश्किल हो रहा है।
14 जिलों में अगले तीन दिन रहेगा कोहरा
मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, अगले तीन दिनों तक राज्य के 14 जिलों में घना कोहरा और धुंध छाए रहने की संभावना है। इनमें रांची के अलावा गढ़वा, पलामू, लातेहार, लोहरदगा, चतरा, हजारीबाग, कोडरमा, बोकारो, गिरिडीह, धनबाद, देवघर और जामताड़ा शामिल हैं। इन जिलों में येलो अलर्ट जारी किया है।
तापमान में गिरावट, ठिठुरन बढ़ी
पिछले 24 घंटों में न्यूनतम तापमान में और गिरावट दर्ज की गई। रांची में 9 डिग्री, लातेहार में 7.7 डिग्री, खूंटी में 7.5 डिग्री, लोहरदगा में 8.4 डिग्री और डाल्टनगंज में 8.1 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान रहा। वहीं, चाईबासा राज्य का सबसे गर्म क्षेत्र रहा, जहां अधिकतम तापमान 26.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। सबसे कम न्यूनतम तापमान रांची के कांके में 6.3 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
दृश्यता का हाल
घने कोहरे के कारण सबसे कम विजिबिलिटी डाल्टनगंज में दर्ज की गई, जिससे सुबह के समय सड़क पर वाहन रेंगते नजर आए। प्रशासन ने लोगों से सावधानी बरतने, अनावश्यक यात्रा से बचने और ठंड से बचाव के उपाय अपनाने की अपील की है।
मौसम विभाग ने साफ किया है कि फिलहाल राहत की उम्मीद कम है और आने वाले दिनों में ठंड का प्रकोप और बढ़ सकता है। ऐसे में नागरिकों को सतर्क रहने और मौसम से जुड़ी सलाहों का पालन करने की जरूरत है।














