रांची: वैसे सामाजिक संगठन जो अब भी ओबीसी के 27% आरक्षण की मांग करते हैं। वे ओबीसी समुदाय के साथ धोखा कर रहे हैं, समाज को गुमराह कर रहे हैं।
उक्त बातें आज प्रेस वार्ता में राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने कही। उन्होंने कहा कि जब राज्य में अनुसूचित जाति/ जनजाति की जितनी आबादी है उतना आरक्षण क्रमशः 10% व 26% दी जा रही है। सामान्य वर्ग की आबादी, जिनकी जनसंख्या 10% भी नहीं है के बावजूद उन्हें EWS के नाम पर 10% आरक्षण दी जा रही है। वहीं ओबीसी समुदाय जिनका राज्य में 55% आबादी है, उनके लिए 27 प्रतिशत आरक्षण की मांग करना अब ओबीसी समुदाय के साथ धोखेबाजी है। या कहे अपरिपक्वता की निशानी है।
वैसे संगठन जिनको सामाजिक, राजनीतिक, संवैधानिक समझ ना हो वैसे सामाजिक संगठन को ओबीसी का नेतृत्व करने का काम छोड़ देना चाहिए।
ज्ञात हो कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग जो एक संवैधानिक संस्था है; जिन्होंने राज्य में ओबीसी को 36 से 50% आरक्षण देने की अनुशंसा सरकार से की है। बावजूद कुछ सामाजिक संगठन ओबीसी को 27% आरक्षण मांग कर रहे हैं। ऐसा कर वैसे संगठन ओबीसी समुदाय को गुमराह कर रहे है।
राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के तत्वाधान में इस संबंध में दो बार प्रेस वार्ता कर वैसे सामाजिक संगठन और राजनीतिक दलों को संदेश दिया गया था कि बदली हुई परिस्थिति में अब हम सभी को जनसंख्या के अनुपात में ओबीसी के आरक्षण की मांग करनी चाहिए। बहुत सारे संगठन और आजसू पार्टी अब राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग की अनुशंसा 50% आरक्षण देने की वकालत करने लगी है, जिसके लिए राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने आजसू पार्टी का आभार भी व्यक्त किया था।
ओबीसी के लिए 27 % आरक्षण की मांग करना ओबीसी समुदाय को धोखा देने जैसा है – ओबीसी मोर्चा