श्रीबंशीधर नगर गढ़वा):– अखंड सौभाग्य और घर परिवार की सुख शांति व समृद्धि की कामना को लेकर अक्षय नवमी के अवसर पर मंगलवार को महिलाएं द्वारा अपने घर के आसपास स्थित आंवला के पेड़ के पास जमा होकर आंवला पेड़ को जल अर्पित कर बड़े ही धूमधाम के साथ पूजा अर्चना किया। इस दौरान महिलाओं ने कच्चा सूत लपेटकर भोग लगाया और अक्षय नवमी से जुड़ी कथा सुनी। आंवला पेड़ की पूजा अर्चना करने के बाद ब्राह्मणों को दान पुण्य कर भोजन कराया और खुद भी किया। कार्तिक मास के नवमी तिथि को अक्षय नवमी की पूजा किया जाता है।
इस दिन आंवला के पेड़ के नीचे खाना बनाकर खाने की परंपरा है।
कर्मकांडी पंडित सोमेश्वर तिवारी ने अक्षय नवमी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष को आंवले के वृक्ष की पूजा अर्चन व नीचे भोजन पकाकर खाना एवं दान पुण्य करने से अक्षय आयु व निरोग काया की प्राप्ति होती है। नवमी से लेकर पूर्णिमा तक भगवान विष्णु का आंवले के पेड़ पर वास रहता है। संतान प्राप्ति के लिए इस दिन आंवले के पेड़ की विधि विधान से पूजा व्रत करना फलदायी होता है। इसके अलावा आंवले के पेड़ के नीचे पूजन के बाद प्रसाद ग्रहण करना और आंवला चखना शुभ है।
धर्मशास्त्रों के अनुसार कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को आंवले की उत्पत्ति हुई थी। यह विष्णु भगवान और माता लक्ष्मी का प्रिय वृक्ष है, इसलिए इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा से त्रिदेव ब्रह्मा, विष्णु और महेश के साथ ही माता लक्ष्मी की भी अपार कृपा प्राप्त होती है। महिलाओं ने आंवला के वृक्ष में धागा बांधकर पूजा अर्चना के साथ व्रत पूरा किया।