जमशेदपुर: 26 जनवरी गणतंत्र दिवस सह झारखंड अलग राज स्थानीयता एवम खतियानी आंदोलन के संग्रामी साथी देवानंद महतो प्रथम प्रयाण देवा पर उनके स्मृति में स्मरण सभा का कार्यक्रम संपन्न हुआ।
इस अवसर पर ईचागढ़ के माननीय विधायक श्रीमती.सबिता महतो,झामुमो के केंद्रीय समिति सदस्य श्री. काबलू महतो,शहीद निर्मल स्मारक समिति के अध्यक्ष श्री.लालटू महतो,अंबेडकर विचार मंच के संयोजक श्री.शंभू मुखी “डूंगरी”, झारखंड लोक कला साहित्य संगीत अकादमी के संस्थापक उपाध्यक्ष श्री.शिवलाल महतो एवम कोषाध्यक्ष श्री.हराधन प्रमाणिक,आदिवासी कुडमी स्टूडेंट यूनियन के केंद्रीय अध्यक्ष श्री.तपन महतो,पान तांती समाज से श्री.अशोक पान,माता सावित्री भाई फूले सेवा दल के वरिष्ट पधाधिकारी श्री.राजेश भगत एवम श्री.रूपेश ठाकुर,झारखंड एकता मंच से गौतम बोस आदि बहुत सारे विभिन्न संगठनों के सक्रिय सदस्य इस अवसर पर उपस्थित थे। झंड्डोत्तलन के उपरांत दो मिनट का मौन रख कर दिवंगत साथी देवानंद महतो को श्रद्धासुमन अर्पित किया गया।स्मरण सभा में सभी वक्ताओं ने कहा कि देखते देखते 26 जनवरी उनका प्रथम प्रयाण दिवस आ गया है।साथी देवानंद महतो जी कई दशक तक झारखंड आंदोलन एवम झारखंडी समाज के मौलिक मुद्दों पर
(जल,जंगल,जमीन,भाषा,मजदूरी, कुडमियों को जनजाति सूची में अनुसूचीकरण, स्थानीय नीति तथा खतियानी आंदोलन) उन्होंने प्रखर होकर आवाज उठाते रहे एवम उनके क्षमता तथा समझदारी के अनुसार हर एक संघर्ष में उन्होंने अपने को सरिक करते रहें,ऐसा शख्स को हम अगर भुला दें तो आने वाल दिन या अगली पीढ़ी को पता तक नहीं रहेगा की कितने कठिन परिस्थिति में साथी देवानंद महतो जैसे लोग संघर्ष से जुड़े रहे एवम योगदान दिए।उन्होंने हमेशा कल्याणकारी कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया करते थे जिसमे उल्लेखेनिय है।
उन्होंने सरायकेला खरसंवा के सुदूर गांव से रोज जमशेदपुर आ कर नदी किनारे के बस्तियों में अड़हाई महीने तक जरूरतमंदों के सहायतार्थ “इंसानी पहल” संस्था का स्थापना कर सभी समुदायों के लिए प्रथम लॉक डाउन के समय भोजन सामग्री एवम दवाइयां वितरित किए थे।
आज सभी उनके निकट दोस्त,साथी उनके द्वारा किए गए संघर्ष के रास्ते पर चलने वाले लोग इस स्मरण सभा में सपथ लिए की पिछले वर्ष(26/01/2023) उनके मृत्यु उपरांत शहीद निर्मल सेवा सदन, शास्त्रीनगर,कदमा आयोजित श्रद्धांजलि सभा में लिए गए निर्णय के अनुसार उनके पैतृक गांव बासुड़दा में उनके स्मृति में एक लाइब्रेरी(पुस्तकालय) सह सांस्कृतिक केंद्र का स्थापना किए जाने का सामूहिक निर्णय का कार्यरूप प्रदान किया जायेगा।
इस कार्यक्रम में सर्वश्री पार्थों चालक,वेंकट राव,राजकुमार राय,सत्य दास,पोरेश रुपाणी,सूरज सिंह,संजय रजक,पुन्ना प्रसाद एवम मलखान सिंह सक्रिय रूप से भागीदारी निभाएं।