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झारखंड वार्ता न्यूज

नई दिल्ली:- ‘एक देश एक चुनाव’ की संभावनाएं तलाशने को बनी हाई लेवल कमेटी की रिपोर्ट आ गई है. पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में बनी समिति ने गुरुवार को रिपोर्ट राष्‍ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी.

कोविंद पैनल ने 18,626 पन्‍नों में अपनी सिफारिशें बताई हैं. अगर सरकार ने ये सिफारिशें मानीं तो 2029 में पहली बार लोकसभा और विधानसभा के चुनाव साथ-साथ कराए जा सकते हैं. समिति ने कहा कि पहले चरण में लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराए जा सकते हैं. इसके बाद 100 दिन के अंदर, दूसरे चरण में स्थानीय निकायों के चुनाव कराए जा सकते हैं. त्रिशंकु सदन, अविश्वास प्रस्ताव या ऐसी ही अन्‍य क‍िसी स्थिति में बाकी बचे कार्यकाल के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं. समिति ने संविधान के अनुच्छेद 325 में संशोधन की भी सिफारिश की है. ताकि चुनाव आयोग सिंगल वोटर्स लिस्ट और सिंगल इलेक्‍टर्स फोटो आइडेंटिटी कार्ड (EPIC) तैयार कर सके. इसके लिए राज्य चुनाव अधिकारियों से सलाह ली जाएगी. ‘एक देश एक चुनाव’ पर कोविंद समिति की रिपोर्ट की 5 प्रमुख बातें आगे जानिए.

एक देश एक चुनाव: कोविंद समिति की रिपोर्ट की 5 बड़ी बातें

1. कोविंद पैनल की सिफारिश है कि ‘एक देश एक चुनाव’ के लिए सरकार एक बार का अस्थायी उपाय करे. इसके तहत, केंद्र सरकार को लोकसभा चुनाव के तुरंत बाद एक तारीख चुननी होगी और उस तारीख के बाद मतदान करने वाले सभी राज्य विधानसभाओं का कार्यकाल संसद के साथ समाप्त हो जाएगा. इस तरह, केंद्र और राज्य सरकारों के चुनावी चक्र सिंक्रनाइज हो जाएंगे. दूसरे चरण में, लोकसभा और राज्य चुनावों के 100 दिनों के भीतर नगर पालिका और पंचायत चुनाव कराए जाने चाहिए.

2. नगरपालिका और पंचायत चुनावों को भी साथ कराने के लिए, समिति ने एक अनुच्छेद 324A की सिफारिश की, जो कहे कि संसद यह सुनिश्चित करने के लिए एक कानून बना सकती है कि नगर पालिकाओं और पंचायतों के चुनाव आम चुनावों के साथ आयोजित किए जाएं.

3. समिति ने यह भी सिफारिश की कि भारत के चुनाव आयोग (ECI) को राज्य चुनाव आयोगों की सलाह से एक ही मतदाता सूची और एक ही मतदाता फोटो पहचान पत्र (EPIC) तैयार करने में सक्षम बनाया जाए. समिति ने कहा कि इसके लिए संविधान के अनुच्छेद 325 में संशोधन किया जाए.

4. अगर किसी वजह से संसद या राज्य विधानसभा को समय से पहले भंग किया जाता है तो उस स्थिति में कमेटी का सुझाव है कि बचे हुए कार्यकाल के लिए फिर से चुनाव कराए जाएं.

5. अगर लोकसभा चुनाव 2024 के बाद बनी सरकार ने कोविंद समिति की सिफारिशें मानकर फौरन काम शुरू कर दिया तो 2029 में भी एक साथ चुनाव कराए जा सकते हैं. इस बीच के ट्रांजीशन पीरियड में, जिन राज्यों के चुनाव जून 2024 और मई 2029 के बीच होने हैं, उनकी विधानसभाओं के कार्यकाल 18वीं लोकसभा के साथ खत्म हो जाएंगे. यानी एक बार की इस कवायद में, कुछ विधानसभाओं का कार्यकाल पांच साल से कम वक्त का होगा. जून 2024 और मई 2029 के बीच पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना जैसे राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल खत्म हो रहा है. अगर सिफारिशें लागू हुईं तो इन सभी राज्यों की नई विधानसभाओं का कार्यकाल 2029 में 18वीं लोकसभा के साथ खत्म हो जाएगा. मतलब नवनिर्वाचित सरकार को ज्‍यादा समय नहीं मिल पाएगा.

एक देश एक चुनाव पर बनी समिति के सदस्य कौन-कौन थे?पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ‘एक देश एक चुनाव’ पर बनी समिति की अध्यक्षता की. यह समि‍ति दो सितंबर 2023 को गठित की गई थी. समिति में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आजाद, वित्त आयोग के पूर्व अध्यक्ष एनके सिंह, पूर्व लोकसभा महासचिव सुभाष सी कश्यप, सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी शामिल थे. समिति ने हितधारकों, विशेषज्ञों के साथ व्यापक चर्चा और 191 दिनों की रिसर्च के बाद रिपोर्ट तैयार की है. गुरुवार को समिति ने अपने सभी सदस्यों की उपस्थिति में रिपोर्ट पेश की.