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गढ़वा: झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी पहुंचे ‘बूढ़ा पहाड़’…33 साल बाद होगा मतदान, इलाके में लोकतंत्र का उत्साह

On: April 19, 2024 5:54 PM
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झारखंड वार्ता न्यूज

गढ़वा:- जिस बूढ़ा पहाड़ इलाके में कभी नक्सलियों की हुकूमत चलती थी, वहां करीब 33 साल बाद हजारों वोटर पहली बार मतदान करेंगे। जिसको लेकर चुनाव आयोग की ओर से खास तैयारी की गई है।

झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के. रवि कुमार ने शुक्रवार को खुद बाइक पर मीलों का सफर तय कर बूढ़ा पहाड़ पहुंचे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बूढ़ा पहाड़ में चुनाव की तैयारियों का जायजा लिया और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अपने दौरे में निष्पक्ष और भयमुक्त वातावरण में चुनाव कराने के साथ मतदान का प्रतिशत बढ़ाने पर भी जोर दे रहे हैं।

एक तरफ झारखंड और दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ को बांटने वाला बूढ़ा पहाड़ माओवादी नक्सलियों का सबसे बड़ा और सबसे सुरक्षित पनाहगाह रहा है। यहां रहने वाली तकरीबन 20 हजार की आबादी नक्सलियों का हर हुक्म मानने को मजबूर थी। सुरक्षाबलों और पुलिस की ओर से चलाए गए ‘ऑपरेशन ऑक्टोपस’ की बदौलत पूरे 32 साल के बाद 2022 में बूढ़ा पहाड़ को नक्सलियों से आजाद करा लिया गया। नक्सलियों को खदेड़ने के बाद 16 सितंबर, 2022 को इस पहाड़ पर पहली बार एयरफोर्स का एमआई हेलीकॉप्टर उतारा गया था और तभी एक तरह से बूढ़ा पहाड़ में नई आजादी का ऐलान हुआ था।

इस बार मतदाताओं में लोकतंत्र का उत्साह चरम पर है। 35 साल बाद हजारों वोटर पहली बार ईवीएम के बटन पर अंगुलियां रखेंगे।

Satyam Jaiswal

सत्यम जायसवाल एक भारतीय पत्रकार हैं, जो झारखंड राज्य के रांची शहर में स्थित "झारखंड वार्ता" नामक मीडिया कंपनी के मालिक हैं। उनके पास प्रबंधन, सार्वजनिक बोलचाल, और कंटेंट क्रिएशन में लगभक एक दशक का अनुभव है। उन्होंने एपीजे इंस्टीट्यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन से शिक्षा प्राप्त की है और विभिन्न कंपनियों के लिए वीडियो प्रोड्यूसर, एडिटर, और डायरेक्टर के रूप में कार्य किया है। जिसके बाद उन्होंने झारखंड वार्ता की शुरुआत की थी। "झारखंड वार्ता" झारखंड राज्य से संबंधित समाचार और जानकारी प्रदान करती है, जो राज्य के नागरिकों के लिए महत्वपूर्ण है।

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