नई दिल्ली: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नई दिल्ली में सोमवार को आयोजित समारोह में झारखंड की दो बेटियों जमशेदपुर की पूर्णिमा महतो और सरायकेला की चामी मुर्मू को पद्मश्री से सम्मानित किया। बता दें कि, पूर्णिमा महतो राष्ट्रीय तीरंदाजी कोच हैं। प्रतिष्ठित द्रोणाचार्य पुरस्कार से भी पुरस्कृत हैं। चामी मुर्मू को लेडी टार्जन कहा जाता है। वे 30 लाख से अधिक पेड़ लगा चुकी हैं और पिछले 34 वर्षों से पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्य किया है।
तीरंदाजी में शानदार करियर के बाद जमशेदपुर की पूर्णिमा महतो ने अगली पीढ़ी के तीरंदाजों को तैयार करने के लिए प्रतिष्ठित कोच के रूप में शुरुआत की। 2000 के बाद उन्होंने दो दशक से अधिक समय शीर्ष तीरंदाजी प्रतिभाओं को संवारने में लगाया। डोला बनर्जी, दीपिका कुमारी, कोमालिका बारी, प्रणिता और भजन कौर जैसे प्रतिष्ठित तीरंदाजों को इन्होंने प्रशिक्षित किया है।
चामी मुर्मू का संघर्ष वर्ष 1995 में शुरू हुआ था, जब उन्होंने दो-चार महिलाओं को गिना चुनकर ‘सहयोगी महिला बगरे साईं’ नामक संगठन बनाया। इस संगठन ने महिला सशक्तीकरण के क्षेत्र में कई पहलुओं पर काम किया। चामी मुर्मू ने सिर्फ पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में ही नहीं, बल्कि महिलाओं को स्वावलंबी और आत्मनिर्भर बनाने के लिए भी कई पहलुओं में आगे बढ़ाया है।