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सीएम चंपई से मिलेंगे, उग्र आंदोलन की धमकी

जमशेदपुर: जिला प्रशासन के फरमान से अब बागबेड़ा, परसुडीह और गोविंदपुर का जो एरिया रेल क्षेत्र में पड़ता है वहां पर प्रखंड कार्यालय से विकास कार्य नहीं किया जाएगा। इस फरमान के खिलाफ पंचायत प्रतिनिधियों ने मोर्चा खोल दिया है पंचायत प्रतिनिधियों का कहना है कि रेलवे के जमीन पर विधायक, सांसद फंड से जब विकास का कार्य किया जा रहा है तो पंचायत स्तर पर विकास के कार्य को क्यों रोका जा रहा है या समझ से परे है। अगर ऐसा होता है तो सारे पंचायत प्रतिनिधि एकजुट होकर उग्र आंदोलन करने पर मजबूर हो जाएंगे। जिसका जिम्मेदारी संबंधित पदाधिकारी होंगे। पंचायत प्रतिनिधि का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री चंपई सोरेन से मिलकर एक मांग पत्र सौंप कर पंचायत स्तर पर विकास का कार्य किए जाने की मांग करेगी। उक्त बातें पंचायत समिति सदस्य सुनील गुप्ता ने कही।

उन्होंने बातचीत में कहा कि जब रेलवे की भूमि के लोग मताधिकार का प्रयोग करते हैं और सांसद और विधायक फंड से विकास कार्य हो रहा है तो प्रखंड विकास कार्यालय से प्रतिबंध क्यों लगेगा। लोगों को विकास कार्य से वंचित रखना समझ से परे हैं।

बता दें कि यह फरमान बीडीओ सुधा वर्मा की ओर से शनिवार को जारी किया गया है। इस संदर्भ में उन्होंने प्रखंड के जेई और एई को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा है कि रेल क्षेत्र के पंचायतों में विकास योजना का स्टीमेट नहीं बनाना है और किसी तरह का काम भी नहीं करना है।उत्तर बागबेड़ा, मध्य बागबेड़ा, बागबेड़ा कॉलोनी, पूर्वी बागबेड़ा, उत्तर पूर्वी बागबेड़ा, उत्तरी कीताडीह, दक्षिण सुसनीगड़िया, पश्चिम कालीमाटी, दक्षिण कालीमाटी, उत्तरी कालीमाटी, पूर्वी कालीमाटी, दक्षिण छोटा गोविंदपुर, खकरीपाड़ा, उत्तर पश्चिम गदड़ा, उत्तर पूर्वी गदड़ा और मध्य गदड़ा पंचायतों में प्रखंड कार्लालय से कोई विकास कार्य नहीं होगा। इसके अलावा सभी पंचायत सचिवों जेई और एई को भी निर्देश दिया गया है कि सभी 18 पंचायतों में इस्टीमेट बनाने के पहले जांच करेंगे कि रेल क्षेत्र में है या नहीं।अगर रेल क्षेत्र में पड़ता है तो वहां पर कार्य नहीं करना है।इसके बाद ही स्टीमेट बनाना सुनिश्चित करना है।

बीडीओ सुधा वर्मा ने एक मीडिया से बातचीत में कहा कि इस तरह का आदेश डीसी साहब ने दिया है।इसके बाद ही उन्होंने इस तरह का फैसला लिया है। यह पूछे जाने पर कि आखिर किस वजह से विकास कार्य प्रखंड कार्यालय की ओर से नहीं किया जाएगा? तब इसका जवाब बीडीओ के पास नहीं था।उन्होंने इतना ही कहा कि इस तरह का आदेश जिले के डीसी की ओर से दिया गया है। वे ही कोई फैसला ले सकते हैं।