गढ़वा :- कल दिनांक 04/08/2023 दिन शुक्रवार को अखिल झारखंड प्राथमिक शिक्षक संघ की जिला इकाई गढ़वा ने जिलाध्यक्ष सुनील कुमार दुबे एवं महासचिव दिलीप कुमार श्रीवास्तव के नेतृत्व में जिला शिक्षा अधीक्षक गढ़वा को टीचर्स ट्रांसफर पोर्टल पर जारी की गई सरप्लस शिक्षकों की सूची में शिक्षा के अधिकार कानून के मानकों एवं विभागीय अधिसूचना के विरुद्ध व्याप्त अनियमितताओं के संदर्भ में ज्ञापन सौंपकर पर इस पर रोक लगाने की मांग की। इस संबंध में शिक्षकों के प्रतिनिधिमंडल ने अपने 7 सूत्री मांगों के बारे में जिला शिक्षा अधीक्षक को मांग पत्र सौंपा और उन्हें विस्तार पूर्वक इस सूची के खामियों की जानकारी दी।
1 टीचर्स ट्रांसफर पोर्टल पर जिन शिक्षकों का नाम दिखाया गया है वह शिक्षा के अधिकार अधिनियम को ताक पर रखकर बनाया गया है क्योंकि जिन विद्यालयों से शिक्षकों को हटाया जा रहा है वहां छात्र शिक्षक अनुपात सही स्थिति में है या छात्रों के अनुपात में शिक्षकों की कमी है।
2. सभी मध्य विद्यालयों में वर्ग 6 से 8 तक के लिए कला ,भाषा एवं विज्ञान के शिक्षकों की विषय वार नियुक्ति की गई है तथा प्रत्येक मध्य विद्यालयों में उनकी पदस्थापना नितांत आवश्यक है ।इसके बावजूद उन शिक्षकों को सरप्लस शिक्षक दिखा कर उन्हें ऑनलाइन आवेदन देने को विवश किया जा रहा है। जिन विद्यालयों में उनके पद ही स्वीकृत नहीं हैं।
3. उत्क्रमित मध्य विद्यालय /प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों के लिए मध्य विद्यालयों या अपने ही कोटि के विद्यालयों में विकल्प देना है जहां से अधिकांश रिक्तियों को प्रत्यर्पित कर दिया गया है।
4. गढ़वा जिले में 833 इंटर प्रशिक्षित पद की इकाई तथा 1008 स्नातक प्रशिक्षित पद की इकाई क्रमशः 2400 रुपए एवं 2800 रुपए के ग्रेड पे पर उत्क्रमित मध्य विद्यालयों में सृजित की गई है तथा उन विद्यालयों के लिए 4600 ग्रेड पे के शिक्षकों हेतु रिक्ति दिखाई जा रही है जो पूरी तरह से नियम के विरुद्ध है।
5. ट्रांसफर पोर्टल पर विद्यालयों के लिए सरप्लस शिक्षकों की जो गणना की गई है,वह सहायक अध्यापकों को भी शामिल कर की गई है ।लेकिन केवल सरकारी शिक्षकों को सरप्लस बताकर उन्हें हटाया जा रहा है जबकि सहायक अध्यापकों के स्थानांतरण की नियमावली भी विभाग में प्रभावी है तथा वह सरकारी शिक्षकों से पहले से उन विद्यालयों में पदस्थापित हैं ।
5. इस सूची के लागू होने की स्थिति में विभिन्न विद्यालय सरकारी शिक्षक विहीन होने की स्थिति में आ गए हैं जबकि वे प्राथमिक विद्यालय से उत्क्रमित होकर उच्च विद्यालय बन गए हैं ।मृत एवं सेवानिवृत्त शिक्षकों को छोड़कर कुल 368 शिक्षकों को सरप्लस दिखाया गया है। तथा इस सूची में प्रधानाध्यापक सह निकासी एवं व्ययन पदाधिकारियों को भी रखा गया है। कुल 6 प्रधानाध्यापक सह निकासी एवं व्ययन पदाधिकारी जिले में कार्यरत हैं।जिसमें से तीन को सरप्लस किया जा रहा है। जिनका जिले में घोर अभाव है।
7. जिले में उर्दू शिक्षकों के 327 पदों के विरुद्ध मात्र 62 उर्दू शिक्षक कार्यरत हैं तथा वे अपनी इकाई के पदों पर पदस्थापित हैं एवं वहां उर्दू भाषी बच्चों की संख्या मानक के अनुसार मौजूद है ।इसके बावजूद 16 उर्दू शिक्षकों को सरप्लस सूची में रखा गया है।
संघ द्वारा इस अवसर पर लगभग 30 विद्यालयों की सूची जिला शिक्षा अधीक्षक गढ़वा को विसंगतियों का विवरण देते हुए ,उन्हें छात्र शिक्षक के मध्य अनुपात का विवरण दर्शाते हुए दी गई तथा उनसे मांग की गई कि जब तक इन त्रुटियों का निराकरण नहीं कर दिया जाता है तथा इस सूची में अपेक्षित सुधार नहीं कर लिया जाता है ,इस स्थानांतरण पर रोक लगायी जाय। अन्यथा यदि शिक्षकों को स्थानांतरित होने के लिए बाध्य किया जाएगा तो संघ चुप नहीं बैठेगा और आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया जाएगा।
जिला शिक्षा अधीक्षक गढ़वा द्वारा भी यह स्वीकार किया गया की सूची में काफी विसंगतियां हैं लेकिन चूंकि सारा कार्य सॉफ्टवेयर के माध्यम से किया गया है। इसलिए स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग रांची को आपकी समस्याओं से अवगत कराया जाएगा एवं उन्होंने भरोसा दिलाया कि विभाग द्वारा आपके मांगों के आलोक में समुचित कार्रवाई की जाएगी।
इस प्रतिनिधिमंडल में जिला अध्यक्ष सुनील कुमार दुबे, महासचिव दिलीप कुमार श्रीवास्तव, राज्य कार्यसमिति सदस्य आलोक कुमार, कोषाध्यक्ष शैलेश कुमार तिवारी ,संगठन महामंत्री चंद्र देव सिंह, संयुक्त सचिव रविंद्र कुमार ओझा, गोरखपुर धर दूबे ,प्रेस प्रवक्ता अरविंद सिंह,उमेश शर्मा ,रविंद्र प्रसाद राकेश रोशन, मो० सफकतउल्लाह आदि साथी मौजूद थे।