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लखना गांव में मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन विवाद में पूर्व विधायक सत्येंद्रनाथ तिवारी समेत 17 नामजद व 350 अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज

On: October 15, 2024 4:20 PM
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पिंटू कुमार

गढ़वा :– जिले के लखना गांव में 12 अक्तूबर को दुर्गा पूजा प्रतिमा विसर्जन के दौरान हुए विवाद के बाद पूर्व विधायक भाजपा नेता सत्येंद्र नाथ तिवारी समेत 17 नामजद और 350 अज्ञात लोगों के खिलाफ पुलिस नेदो अलग -अलग केस दर्ज किया है। यह घटना 12 अक्टूबर को गढ़वा थाना क्षेत्र के फलखना गांव में हुई, जहां प्रतिमा विसर्जन के दौरान साम्प्रदायिक तनाव उत्पन्न हो गया। इस घटना ने क्षेत्र में शांति और सौहार्द बिगाड़ने का खतरा पैदा कर दिया था।

पहली प्राथमिकी : यह प्राथमिकी गढ़वा के आंचल पदाधिकारी सफी अलम की शिकायत पर दर्ज की गई है। इसमें पूर्व विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी पर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने धारा 163 बिएनएसएस का उल्लंघन किया। शिकायत के अनुसार, सत्येंद्र नाथ तिवारी नै लगभग 50 समर्थकों के साथ घटनास्थल पर पहुंचकर भड़काऊ भाषण दिया, जिससे भीड़ उत्तेजित हो गई।

दूसरी प्राथमिकी : यह प्राथमिकी गढ़वा के प्रखंड विकास पदाधिकारी कुमार नरेंद्र नारायण द्वारा दर्ज कराई गई है। इसमें आरोप लगाया गया है कि 16 नामजद और 350 अज्ञात अन्य लोगों ने भड़काऊ नारेबाजी कर क्षेत्र में साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की कोशिश की और सरकारी कार्यों में बाधा उत्पन्न की। इसमें सोनू केसरी, धीरेंद्र तिवारी उर्फ गुड्डू तिवारी, पुलस्त तिवारी, चिंटू तिवारी, भीम शर्मा, रोहित चौहान, राजन तिवारी उर्फ अर्णव तिवारी, शाहिद खान, मोहम्मद निषाद खान, सद्दाम खान, मोहम्मद मनौवर खान, वाहिद आलम, रईस खान, जुनेरा बिबि, राजा दुबे, और इदरीश खान के नाम शामिल हैं।

टना की पृष्ठभूमि : दुर्गा पूजा के अवसर पर 12 अक्टूबर को लखना गांव में प्रतिमा विसर्जन के दौरान एक विवाद पैदा हुआ, जो देखते-देखते बड़ा बवाल बन गया। इस घटना ने पुलिस प्रशासन को कठोर कदम उठाने के लिए मजबूर कर दिया। गढ़वा थाने में इस मामले की जांच चल रही है, और संबंधित लोगों पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं, जिसमें सांप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने और सरकारी काम में बाधा डालने के आरोप प्रमुख हैं।

Shubham Jaiswal

“मैं शुभम जायसवाल, बीते आठ वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने विभिन्न प्रतिष्ठित अखबारों और समाचार चैनलों में प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले पाँच वर्षों से मैं साप्ताहिक अखबार ‘झारखंड वार्ता’ से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ। पत्रकारिता मेरे लिए केवल पेशा नहीं बल्कि समाज और जनता के प्रति एक जिम्मेदारी है, जहाँ मेरी कलम हमेशा सच और न्याय के पक्ष में चलती है।

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