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बिहार:भ्रष्टाचार की बयार!ईडी अफसर से ही घूस मांगने लगा विभाग भू राजस्व सुधार, सीएम तक पहुंचा

On: January 30, 2025 8:04 AM
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सीएम नीतीश, मुख्य सचिव, राजस्व भूमि सुधार मंत्री, सचिव, कमिश्नर, पटना डीएम को पीड़ित अफसर का पत्र

बिहार: बिहार में भ्रष्टाचार की बयार कथित रूप से इस कदर बह रही है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के दानापुर अंचल में पदस्थापित हल्का कर्मचारी इरफान ने ईडी में असिस्टेंट डायरेक्टर के पद पर तैनात अफसर अनीश से 10000 रुपए घूस मांग लिया।इस संदर्भ में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) में सहायक निदेशक स्तर के पद पर तैनात अधिकारी ने राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के दानापुर अंचल कार्यालय में फैले भ्रष्टाचार की सरेआम कलई खोल दी है और उन्होंने इस संदर्भ में मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, राजस्व भूमि सुधार मंत्री, सचिव से लेकर कमिश्नर और पटना डीएम तक को पत्र भेजा है। पत्र में उन्होंने आरोप लगाए हैं कि दानापुर अंचल के अधिकारी भ्रष्टाचार को जानते हुए उससे अनजान बने हुए हैं और उसे सिंचित कर रहे हैं।

मामला इस प्रकार है

अनीश कुमार प्रवर्तन निदेशालय में अधिकारी हैं और पूर्व तक वे पटना जिले में ही पदस्थापित थे। कुछ समय पूर्व उनका तबादला पुणे कर दिया गया।

उन्होंने सरकार को भेजे पत्र में हवाला दिया है कि उनका पैतृक आवास अर्पणा बैंक कॉलोनी, राम जयपाल मोड बेली रोड पर है। यह संपत्ति पैतृक है और पिता के गुजर जाने के बाद इसका बंटवारा दो भाइयों के बीच हुआ।

इस आवास की दो होल्डिंग रसीद के लिए उन्होंने ऑनलाइन आवेदन भी किया। यह आवेदन 15 जनवरी 2025 को किया गया, लेकिन होल्डिंग कायम करने के बदले ईडी अधिकारी से हल्का कर्मचारी इरफान ने 10-10 हजार रुपये का नजराना मांग लिया।

‘आप सरकारी अधिकारी हैं…’

यही नहीं, अधिकारी से कहा गया कि इस काम के लिए पुणे से आते तो एक लाख खर्च होता। आप सरकारी अधिकारी हैं लिहाजा 20 हजार में काम हो जाएगा। अब ईडी अधिकारी अनीश कुमार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाते हुए मुख्यमंत्री समेत वरिष्ठ अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट करते हुए समस्या समाधान के लिए लिखा है।

मुझे ऐसी कोई शिकायत नहीं मिली है। एक बार मेरे पास फोन जरूर आया था जिसके बाद उन्हें जानकारी दे दी गई थी कि यह काम हल्का कर्मचारी के स्तर पर होगा। हल्का कर्मचारी की रिपोर्ट मुझे अब तक प्राप्त नहीं हुई है। – चंदन कुमार, अंचल अधिकारी दानापुर

क्या होता है होल्डिंग नंबर?

जब प्रॉपर्टी रजिस्टर्ड हो जाती है, तो सब-रजिस्टर कार्यालय आयकर विभाग के साथ मिलकर एक यूनिक आइडेंटिफिकेशन (UID) नंबर जारी करता है। इस नंबर को होल्डिंग नंबर कहा जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य रजिस्टर्ड प्रॉपर्टी की पहचान करना है, जो ऑफिशियल रिकॉर्ड में उपयोग किया जाता है।

‘होल्डिंग’ शब्द उस संपत्ति के मालिक द्वारा भुगतान किए गए होल्डिंग टैक्स से उत्पन्न होता है। यह नंबर संपत्ति के लेन-देन और टैक्स पेमेंट से जुड़ी सभी जानकारी प्राप्त करने में सहायक होता है।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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