गढ़वा: डीसी ने डीसीडीसी एवं जेडब्ल्यूसी के मुख्य एजेंडो के कार्यान्वयन हेतु दिए आवश्यक दिशा-निर्देश, कई प्रस्ताव भी हुए पारित

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गढ़वा: उपायुक्त -सह- अध्यक्ष (DCDC) शेखर जमुआर की अध्यक्षता में आयोजित District Co-operative Development कमिटी एवं (JWC) Joint Working Committee की बैठक सम्पन्न की गई।

जिला निबंधक सहयोग समितियां की तरफ से आयोजित DCDC बैठक के मुख्य एजेण्डों यथा- National Co-operative Database पोर्टल पर नियमित रूप से और समय पर प्रविष्टि करना, पैक्सों का कम्प्युटराईजेशन, राष्टीय स्तर की समिति यथा BBSSL, NCOL, NCEL से सभी सहकारी समितियों को सम्बद्धता दिलाना, (NCCF) National Co-operative Consumers’ Federation of India Limited के पोर्टल पर सभी सहकारी समितियों को निबंधन कराना, जिला में सभी पंचायतों में दुग्ध उत्पादक सहकारी समिति का गठन करने हेतु आवश्यक कार्रवाई करना, Worlds Largest Grain Storage योजना अन्तर्गत गोदाम निर्माण संबन्धित निर्णय, पैक्स द्वारा प्रधानमंत्री भारतीय जन ओषधि केन्द्र के रूप में कार्य करना, पैक्सों में प्रधानमत्री किसान समृद्धि केन्द्र का कार्यान्वयन, राष्ट्रीय जल जीवन मिशन के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में पाईप्ड जल आपूर्ति स्कीम के ऑपरेशन एवं मेन्टेनेन्स संबंधी कार्य पैक्सों से कराया जाना, नयी सहकारी समितियों के पंजीकरण को आसान बनाना, कॉमन सर्विस सेन्टर (CSC), e-Pacs के रूप में पैक्स को विकसित करना, सभी पैक्सों में जन वितरण प्रणाली की दुकान खोलने संबंधी निर्णय, जिला के सभी पंचायतों में स्थित लैम्पस पैक्स में कार्यालय सह गोदाम निर्माण हेतु भूमि उपलब्ध कराना, सहकारी समितियों में सौर ऊर्जा चालित कोल्ड रूप का निर्माण हेतु जमीन उपलब्ध कराना, पैक्स/लैम्पस में खाद एवं बीज की उपलब्धता हेतु आवश्यक कार्रवाई करना, पैक्स/लैम्पस के साथ साथ अन्य विशेष प्रकार की सहकारी समितियों को कार्यशील पूँजी उपलब्ध कराने हेतु आवश्यक कार्रवाई करना, जिला के सभी पंचायतों में मत्स्य सहकारी समिति का गठन हेतु आवश्यक कार्रवाई करना, भारत दाल ब्रांड के तहत चना दाल का खुदरा वितरण तथा पैक्स/लैम्पस को उर्वरक अनुज्ञप्ति दिलाने हेतु आवश्यक कार्रवाई करना है।

इस हेतु सहकारिता आंदोलन के सुदृढीकरण एवं समाज के अंतिम पायदान तक इसको पहुँचाने के लिए वैसे पंचायत/गाँव, जो लैम्पस पैक्स से अच्छादित नहीं है, में नये बहुउद्देश्य पैक्स अथवा दुग्ध/मत्स्य प्राथमिक सहकारी समितियों का गठन करने एवं भारत सरकार के चिन्हित विभिन्न योजनाओं का Convergence कर वर्तमान कार्यरत पैक्स एवं दुग्ध/मत्स्य सहकारी समितियों के सशक्तिकरण के निमित्त District Cooperative Development Committee (DCDC) का गठन किया गया है। प्रथम पूर्व में किए गए बैठकों के कार्रवाई की सम्पूष्टी की गई एवं उपरोक्त बिंदुओं पर चर्चा करते हुए कई निर्णय लिए गए एवं योजनाओं के कार्यान्वयन  हेतु आवश्यक दिशा निर्देश निर्गत किए गए।

चर्चा के दौरान मौके पर उपस्थित जिला सहकारिता पदाधिकारी नीलम कुमारी द्वारा National Co-operative Database पोर्टल पर नियमित रूप से और समय पर प्रविष्टि करने के बारे में बताया गया कि गढ़वा जिला अन्तर्गत कुल 195 सहकारी समितिया हैं। 39 मत्स्यजीवी सहकारी समितियों हैं। 05 दुग्ध उत्पादक सहकारी समितिया हैं। साथ ही 47 आजीविका संकुल स्वावलम्बी सहकारी समितियाँ तथा 26 अन्य विशेष प्रकार की सहकारी समितियाँ हैं। जिनका राष्ट्रीय सहकारी डाटाबेस में अद्यतन प्रविष्टि कर दिया गया है।

केन्द्रीय प्रायोजित योजना “पैक्सों का कम्प्युटराईजेशन” के कार्यान्वयन के संबंध में बताया गया कि गढ़वा जिला अन्तर्गत कुल 45 पैक्सों का चयन ‘कम्प्युटराईजेशन ऑफ पैक्स’ योजना के तहत किया गया है। सभी पैक्सों का कम्प्युटरीरण कर दिया गया है। सभी पैक्सों को कम्प्यूटर सेट उपलब्ध करा दिया गया है। सभी पैक्सों का लेखा बही ऑनलाईन भी करना है, जिसके लिए जिला अंकेक्षण पदाधिकारी गढ़वा की अध्यक्षता में कमिटि गठित की गयी है, जिसके माध्यम से पैक्सों का लेखा बही ऑनलाईन प्रविष्टि का कार्य किया जा रहा है। जिले के सभी पंचायतों में पैक्स/लैम्पस (MPCS) में कार्यालय -सह- गोदाम निर्माण हेतु भूमि की उपलब्धता तथा तात्कालिक व्यवस्था के तहत पंचायत भवन में एक कमरा उपलब्ध कराने के विषय पर चर्चा के दौरान बताया गया कि गढवा जिला अन्तर्गत सभी पंचायतों में पैक्स/लैम्पस (MPCS) में कार्यालय -सह- गोदाम निर्माण हेतु भूमि की उपलब्धता तथा तात्कालिक व्यवस्था के तहत पंचायत भवन में एक कमरा उपलब्ध कराने हेतु सभी अंचलाधिकारी, गढ़वा को निर्देश दिया गया है। वर्तमान में गढ़वा प्रखण्ड अंतर्गत फरठिया पैक्स, रमकण्डा प्रखण्ड अंतर्गत रमकण्डा पैक्स एवं बरगढ़ प्रखण्ड अंतर्गत बरगढ़ लैम्पस में 500 एम०टी० क्षमता के गोदाम निर्माण हेतु अंचल अधिकारी द्वारा भूमि उपलब्ध करा दिया गया है। उक्त तीनों समितियों में वित्तीय वर्ष 2024-25 में गोदाम निर्माण हेतु प्रस्ताव सर्व सम्मति से पारित किया गया। उपायुक्त -सह- अध्यक्ष शेखर जमुआर द्वारा निदेश दिया गया  कि यदि वर्तमान में गढ़वा में जिला स्तरीय MPCS/ दुग्ध उत्पादक सहयोग समितियों/मत्स्य सहकारी समितियों का संघ/जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक/क्षेत्रीय कार्यालय/राज्य सहकारी बैंक कार्यरत नहीं है, तो सबंधित हितधारकों से समन्वय स्थापित करके आवश्यकता एवं व्यवहारिकता के आधार पर मूल्यांकन कर उनका गठन करना सुनिश्चित करें।

उक्त समितियों के गठन का प्रस्ताव DCDC के समक्ष उपस्थापित करने का निदेश सभी संबंधित पदाधिकारी को दिया गया। तत्पश्चात इसी प्रकार (JWC) Joint Working Committee की बैठक आहूत की गई, जिसमें बैठक के विभिन्न मुख्य एजेण्डों यथा- जिला के निष्क्रिय अथवा अकार्यशील समितियों की पहचान करना, परिसमापन के लिए चिन्हित समितियों को समयबद्ध तरीके से परिसमापन की कार्रवाई करना तथा उनके स्थान पर नयी सहकारी समितियों का गठन करना, कार्य योजना के अनुसार चिन्हित ग्राम पंचायतों/गाँवों में नई दुग्ध उत्पादक सहयोग समितियों/मत्स्य सहकारी समितियों के गठन हेतु किसानों को प्रेरित करना, निबंधित सहकारी समितियों को आवश्यक हिस्सा पूँजी उपलब्ध कराना, “सहकार से समृद्धि” हेतु समितियों का व्यवसाय विकास योजना (Bussiness Development Plans) BDPs तैयार करना तथा उनमें आर्थिक गतिविधियों की शुरूआत करना, राज्य सहकारी बैंक में उक्त प्रकार की सहकारी समितियों का खाता खुलवाना एवं सम्बद्धता प्रदान कराने के साथ ही साथ राज्यस्तरीय संघ से Linkage कराते हुए सहकारी समितियों के मध्य सहकार (Cooperation Among Cooperatives) को बढ़ावा, नई दुग्ध उत्पादक सहयोग समितियों/मत्स्य सहकारी समितियों के गठन के लिए DCDC के समक्ष उपस्थापित करना, जिला स्तरीय MPCS/ दुग्ध उत्पादक सहयोग समितियों/मत्स्य सहकारी समितियों का संघ/जिला केन्द्रीय सहकारी बैंक/क्षेत्रीय कार्यालय / राज्य सहकारी बैंकसहकारी संघ के कार्यरत नहीं रहने पर संबंधित हितधारकों से समन्वय स्थापित कर आवश्यकता एवं व्यवहारिकता के आधार पर मूल्यांकन कर उनके गठन का प्रस्ताव DCDC के समक्ष उपस्थापित कराना आदि है। इसके तहत “सहकार से समृद्धि” की भावना को साकार करने के लिए देश के सभी पंचायतों/गाँवों को शामिल करते हुए बहुउद्देशीय प्राथमिक सहकारी समितियाँ, दुग्ध सहकारी समितियाँ एवं मत्स्य सहकारी समितियाँ का निबंधन एवं कार्यशील बनाने का लक्ष्य निर्धारित की गई है, ताकि ग्रामीण क्षेत्र को अगले पाँच वर्षों में सहकारिता के Ecosystem से जोड़ा जा सके। इस क्रम में सभी हितधारकों को एक साथ लाने तथा एक मानक (Standard) प्रक्रिया अपनाने हेतु सहकारिता मंत्रालय द्वारा NABARD, NDDB एवं NFDB के समन्वय से एक मानक संचालन प्रक्रिया (S.O.P.) अर्थात मार्गदर्शिका तैयार किया गया है, जिसमें सभी संबंधित हितधारकों के लिए लक्ष्य एवं समय सीमा स्पष्ट रूप से निर्धारित की गयी है।

योजनाओं का जमीनी स्तर पर ससमय क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने हेतु जिलों में DCDC की एक उप समिति के रूप में एक Joint Working Committee (J.W.C.) का गठन किया गया है, जो DCDC द्वारा लिये गये निर्णय के क्रियान्वयन हेतु आवश्यक सुझाव देने एवं क्रियान्वित करने का कार्य करेगी। उपायुक्त शेखर जमुआर द्वारा द्वारा भारत सरकार के द्वारा संचालित सभी योजनाओं को सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए ससमय कियान्वयन करने का निर्देश जिला सहकारिता पदाधिकारी, गढ़वा को दिया गया।

JWC बैठक के मुख्य बिंदुओं पर चर्चा के दौरान उपायुक्त श्री जमुआर द्वारा आवश्यक दिशा निदेश दिए गयें। जिले के अछूते (Uncovered)/अल्प सेवा प्राप्त (Under Served), ग्राम/पंचायतों में निष्क्रिय अथवा अकार्यशील MPCS/दुग्ध उत्पादक सहयोग समितियों/मत्स्य सहकारी समितियों की पहचान करने के विषय में जिला सहकारिता पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला पशुपालन पदाधिकारी एवं जिला गव्य पदाधिकारी को जिलान्तर्गत जितने भी निष्क्रिय या अकार्यशील समितियाँ हैं, उनकी पहचान करते हुए उनकी सूची 15 दिनों के अन्दर तैयार करते हुए अगली बैठक में लाने का निर्देश दिया गया। कार्य योजना के अनुसार चिन्हित ग्राम पंचायतों/गाँवों में नई दुग्ध उत्पादक सहयोग/मत्स्य सहकारी समितियों के गठन हेतु किसानों को प्रेरित करने के लिए संबंधित पदाधिकारी को निदेश दिया गया। साथ ही यह भी निदेश दिया गया कि संबंधित पदाधिकारी क्षेत्र में जाकर किसानों के साथ बैठक करके उक्त समितियों के गठन हेतु प्रस्ताव तैयार करायेंगे। इस दौरान सहकार से समृद्धि हेतु MPCS, दुग्ध उत्पादक सहयोग समितियों/मत्स्य सहकारी समितियों के व्यवसाय विकास योजना (Bussiness Development Plans) BDPs तैयार करने तथा उनमें आर्थिक गतिविधियों की शुरुआत करने हेतु आवश्यक कार्रवाई करने का प्रस्ताव पारित किया गया।

उक्त बैठक में उपरोक्त पदाधिकारियों के अतिरिक्त जिला आपूर्ति पदाधिकारी, जिला कृषि पदाधिकारी, डीआईओ, एनआईसी गढ़वा, जिला पशुपालन पदाधिकारी, जिला गव्य विकास पदाधिकारी, जिला मत्स्य पदाधिकारी, जिला प्रबंधक नाबार्ड गढ़वा, झारखंड स्टेट कोऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड के प्रतिनिधि, झारखंड राज्य सहकारी मत्स्य फेडरेशन लिमिटेड के प्रतिनिधि एवं झारखंड राज्य सहकारी बैंक लिमिटेड रांची के प्रतिनिधि समेत अन्य संबंधित पदाधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

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