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बकवास में मशगूल, विकास से दूर – गढ़वा विधायक को पागलखाने भेजने की उठी मांग!

On: March 11, 2025 9:30 AM
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झारखंड वार्ता

गढ़वा :– विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रवक्ता धीरज कुमार दुबे ने तीखा हमला बोला है। उन्होंने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर विधायक तिवारी को “बकवास और विनाश का प्रत्यक्ष उदाहरण” करार दिया।

विधानसभा में मुद्दों की जगह बकवास में मशगूल – झामुमो

धीरज दुबे ने कहा कि बजट सत्र के दौरान जनहित के मुद्दे उठाने के बजाय सत्येंद्र नाथ तिवारी निरर्थक बयानबाजी में व्यस्त हैं। उनके मुद्दाविहीन वक्तव्यों से साफ प्रतीत होता है कि वे मानसिक दिवालियापन के शिकार हो चुके हैं। झामुमो गढ़वा के पदाधिकारी विधानसभा अध्यक्ष से मिलकर उन्हें पागलखाने में भर्ती कराने की अपील करेंगे और उनके इलाज का पूरा खर्च कार्यकर्ता उठाने को तैयार हैं।

“चोर मचाए शोर” – खुद पर लगे गंभीर आरोपों को छिपाने की कोशिश!

धीरज दुबे ने विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी पर पलटवार करते हुए कहा कि “जो खुद अलकतरा चोरी के आरोप में जेल जा चुके हैं और 50 करोड़ के विधायक कोटा घोटाले में घिरे हैं, वे पूर्व मंत्री मिथिलेश ठाकुर पर उंगली उठाने का प्रयास कर रहे हैं।” उन्होंने कहा कि गढ़वा की जनता विधायक की ओछी राजनीति पर हंस रही है और उनकी हरकतों को राजनीतिक षड्यंत्र मान रही है।

जनता को छोड़ विधायक कर रहे मसखरी, भाजपा कार्यकर्ता भी ठगा महसूस कर रहे

धीरज दुबे ने आगे कहा कि गढ़वा विधायक जनता के दुख-सुख में शामिल होना तो दूर, अपने ही भाजपा कार्यकर्ताओं का फोन तक नहीं उठाते। उन्हें विधायकी से मिलने वाली सुविधाओं का फायदा उठाने और विकास कार्यों से कमीशन वसूलने में ज्यादा रुचि है।

“या तो आरोप साबित करें या माफी मांगें” – झामुमो की खुली चुनौती

झामुमो ने विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी को खुली चुनौती दी है कि यदि उनके आरोपों में सच्चाई है, तो वे सबूत पेश करें, अन्यथा जनता और पार्टी से माफी मांगें। झामुमो ने यह भी कहा कि यदि झूठे आरोपों का यह सिलसिला जारी रहा, तो वे दोबारा मानहानि का मुकदमा दर्ज करने से पीछे नहीं हटेंगे।








Shubham Jaiswal

“मैं शुभम जायसवाल, बीते आठ वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने विभिन्न प्रतिष्ठित अखबारों और समाचार चैनलों में प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले पाँच वर्षों से मैं साप्ताहिक अखबार ‘झारखंड वार्ता’ से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ। पत्रकारिता मेरे लिए केवल पेशा नहीं बल्कि समाज और जनता के प्रति एक जिम्मेदारी है, जहाँ मेरी कलम हमेशा सच और न्याय के पक्ष में चलती है।

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