Papmochani Ekadashi 2025: पापमोचनी एकादशी आज, जानिए पूजा का शुभ मुहूर्त और महत्व

On: March 25, 2025 3:38 AM

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Papmochani Ekadashi 2025: पापमोचनी एकादशी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण एकादशी व्रत है, जो चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है। यह एकादशी पापों से मुक्ति और मोक्ष प्राप्ति के लिए विशेष मानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने और व्रत रखने से व्यक्ति अपने पिछले जन्म और इस जन्म के सभी पापों से मुक्त हो जाता है, इसलिए इस एकादशी को “पाप-विनाशक” एकादशी कहा जाता है। वैदिक पंचांग के अनुसार चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि यानि पापमोचनी एकादशी तिथि 25 मार्च मंगलवार को सुबह 5 बजकर 5 मिनट पर प्रारंभ होगी और 26 मार्च को दोपहर 3 बजकर 45 मिनट पर समाप्त होगी। उदय तिथि के अनुसार इस बार पापमोचनी एकादशी का व्रत 25 मार्च को रखा जाएगा।
पूरे साल में 24 एकादशी पड़ती है, लेकिन पापमोचनी एकादशी हिंदू वर्ष की अंतिम एकादशी होती है। क्योंकि इसके बाद से हिंदू नववर्ष (विक्रम संवत) की शुरुआत हो जाती है।
पापमोचनी एकादशी 2025 मुहूर्त और पारण का समय
पंचांग के अनुसार, चैत्र माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि की शुरुआत 25 मार्च 2025 को सुबह 5:05 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन 26 मार्च को भोर 3:45 पर होगा। वहीं पारण का शुभ मुहूर्त 26 मार्च को दोपहर 1:58 बजे से 4:26 बजे तक है।
पापमोचनी एकादशी पूजा विधि
पापमोचनी एकादशी के दिन श्रद्धालुओं को प्रातःकाल जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए। इस व्रत में भगवान् विष्णु के चतुर्भुज रूप की पूजा की जाती है । इस दिन भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र के सामने दीप जलाकर पूजा प्रारंभ की जाती है। भगवान को तुलसी पत्र, पीले पुष्प, धूप, दीप, फल और नैवेद्य अर्पित किए जाते हैं। पूजा के दौरान भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करना शुभ माना जाता है। भक्तजन इस दिन “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जाप कर सकते हैं। विष्णु सहस्रनाम और भगवद्गीता का पाठ भी अत्यंत शुभ माना जाता है।
पापमोचनी एकादशी का महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन व्रत और पूजा करने से सभी बुरे कर्मों का असर खत्म हो जाता है। जो लोग अपने जीवन में शांति और सुख चाहते हैं, उन्हें यह व्रत जरूर करना चाहिए। भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिए इस दिन भक्ति और दान-पुण्य करना भी बेहद शुभ माना जाता है।