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मुर्शिदाबाद: वक्फ कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। मुर्शिदाबाद में शुक्रवार (11 अप्रैल) को ‘वक्फ संशोधन कानून’ के विरोध में हिंसक प्रदर्शन हुआ। उपद्रवियों ने BDO कार्यालय में तोड़फोड़ की। निमटीटा रेलवे स्टेशन पर कुछ प्रदर्शनकारियों ने उग्र प्रदर्शन करते हुए ट्रेन पर पत्थर फेंके। हिंसा के कारण कई ट्रेनों को डायवर्ट कर दिया गया और दो रद्द कर दिए गए हैं। हिंसा और आगजनी के मद्देनजर मुर्शिदाबाद के शमशेरगंज में बीएसएफ के जवान तैनात किए गए हैं। उपद्रवियों ने सरकारी बसों और वाहनों में आग लगाई। पुलिस पर पथराव किया। हालात बेकाबू होने पर इंटरनेट बंद किया गया। पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागकर प्रदर्शनकारियों को खदेड़ा। हिंसा में 3 लोगों की मौत की खबर है। 10 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।

पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा को लेकर राज्य के गर्वनर सी वी आनंद बोस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से चर्चा की। बोस ने राज्य सरकार को मुर्शिदाबाद, मालदा और दक्षिण 24 परगना जिलों के संवेदनशील इलाकों में उपद्रव के लिए जिम्मेदार उपद्रवियों के खिलाफ एक्शन लेने के निर्देश दिए।

ऑल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB) ने अगले 87 दिनों तक नए वक्फ कानून के विरोध में ‘वक्फ बचाव अभियान’ की शुरुआत 11 अप्रैल से की। AIMPLB ने कहा था कि अभियान शांतिपूर्वक किया जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद अचानक हिंसा भड़क गई। मुर्शिदाबाद, नॉर्थ 24 परगना और मालदा में स्थिति बिगड़ी गई। मुर्शिदाबाद के जंगीपुर और सुती इलाकों में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हुए। प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगाई, पुलिस पर पथराव किया। प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रीय राजमार्ग 12 को भी जाम कर दिया। प्रदर्शन के कारण नेशनल हाईवे, रेल ट्रैफिक रोका गया था। हंगामे वाले इलाकों में इंटरनेट भी बंद किया गया।

परिस्थिति को कंट्रोल करने के लिए बीएसएफ की मदद ली गई। पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले दागे। 12 घंटे बीतने के बाद स्थिति सामान्य हुई। रेल और सड़क पर ट्रैफिक चालू किया गया। हिंसा में 10 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं जबकि 3 लोगों की मौत की भी खबर है।