रांची: झारखंड की शराब नीति में बदलाव करने वाले और कथित घोटाले के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो फुल एक्शन मोड में है। पहली बार झारखंड के सीनियर अफसर विनय कुमार चौबे पर इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है।एंटी करप्शन ब्यूरो ने लंबी पूछताछ के बाद उन्हें अरेस्ट किया गया। इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया गया। जिसके बाद कोर्ट ने विनय चौबे को 14 दिनों की ज्यूडिशियल कस्टडी यानी न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अब विनय चौबे आगामी तीन जून तक न्यायिक हिरासत में रहेंगे। विनय चौबे को फिलहाल रांची सेंट्रल जेल शिफ्ट किया जा रहा है। विनय कुमार चौबे वर्तमान में पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव हैं। इससे पहले वे झारखंड के उत्पाद विभाग के सचिव भी रह चुके हैं।
बता दें कि झारखंड के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव, झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी, आबकारी सचिव जैसे अहम पद पर काम कर चुके हैं। उनके कार्यकाल में ही शराब नीति में बदलाव हुआ था।
झारखंड के सीनियर IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे को शराब घोटाले में शामिल होने के इल्जाम में ACB यानी एंटी करप्शन ब्यूरो ने गिरफ्तार कर लिया है।
बता दें कि आज दिन के करीब 11 बजे ACB की टीम IAS अधिकारी विनय चौबे को पूछताछ के लिए अपने साथ दफ्तर ले गयी थी। यहां घंटों उनसे पूछताछ की गयी। इसी दौरान उनके चेकअप के लिए मेडिकल की टीम को भी बुलाया गया। मेडिकल की टीम ने विनय चौबे पूरी तरह से चेकअप किया और निकल गयी।
बता दें कि विनय चौबे के साथ उत्पाद विभाग के संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह भी अरेस्ट किया गया है। गजेंद्र सिंह को भी 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
यहां याद दिला दें कि यह मामला साल 2022 में झारखंड में बनी नई शराब नीति से जुड़ा है। इल्जाम है कि इस नीति में कुछ बदलाव ऐसे किए गए, जिससे छत्तीसगढ़ के शराब सिंडिकेट के लोगों को फायदा मिला। छत्तीसगढ़ के अधिकारी और व्यापारी मिलकर झारखंड में शराब की सप्लाई, काम करने वाले लोगों की व्यवस्था और होलोग्राम सिस्टम के ठेके हासिल किए। इससे राज्य सरकार को आर्थिक नुकसान हुआ और अवैध कमाई हुई। इस मामले में छत्तीसगढ़ की ACB ने 27 सितंबर 2024 को एफआईआर दर्ज की, जिसमें विनय चौबे सहित सात लोगों के नाम थे।