बंदरों को भगाने के लिए फेंकी कुल्हाड़ी, कट गई इकलौते बेटे की गर्दन; मौत

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मुरादाबाद: उत्तरप्रदेश के मुरादाबाद में अनजाने में पिता के हाथों अपने इकलौते ढाई साल बेटे की हत्या हो गई। बताया जा रहा है कि पिता ने बंदरों को भगाने के लिए कुल्हाड़ी फेंकी थी जो बच्चे के गर्दन पर जा लगी। जिससे बच्चा घायल होकर तड़पने लगा। परिजन तुरंत उसे अस्पताल लेकर भागे, लेकिन मासूम ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। इस हृदयविदारक घटना के बाद बच्चे के माता-पिता बदहवास हैं।
जानकारी के अनुसार, देवापुर गांव निवासी लाखन सैनी ई-रिक्शा चालक हैं। मंगलवार सुबह उनका ढाई साल का बेटा आरव घर में खेल रहा था। इसी दौरान बंदरों का एक झुंड आ गया। बंदरों को भगाने के लिए लाखन कुल्हाड़ी लेकर छत पर चढ़ गया और कुल्हाड़ी फेंकी। दुर्भाग्यवश, वह कुल्हाड़ी आंगन में मौजूद बेटे आरव की गर्दन पर जा लगी। लाखन को यह अंदाजा नहीं था कि आरव कमरे से बाहर निकलकर आंगन में आ गया है। बेटे की चीख सुनकर घरवाले मौके पर पहुंचे और उसे तुरंत निजी अस्पताल ले गए, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। घर के आंगन में बने खुले वॉशरूम की दीवारों पर खून के छींटे पाए गए। बताया गया कि घटना के बाद आरव के शरीर से खून का फव्वारा निकल पड़ा था।
हालांकि पड़ोसी जिला पंचायत सदस्य और बच्चे के मौसा ने अलग-अलग कहानी सुनाई। मौसा का दावा है कि बच्चे की जानबूझकर हत्या की गई है। पति-पत्नी में झगड़े के बाद दादा की गोद से छीनकर पिता ने बच्चे की गर्दन काट दी। वहीं, जिला पंचायत सदस्य ने कहा, बच्चे की गर्दन में सरिया घुसी थी, जो बंदरों की उछलकूद में छत से गिरी थी जिसके कारण उसकी मौत हुई। फिलहाल, शुरुआती छानबीन के बाद पुलिस ने इसे हादसा ही माना है। स्थानीय लोगों के अनुसार, गांव में बंदरों की संख्या लगातार बढ़ रही है और वे अक्सर घरों में घुस आते हैं, जिससे इस तरह की घटनाएं हो रही हैं।