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आदिवासियों के ऊपर अत्याचार और अन्याय बर्दाश्त नहीं:आदिवासी सुरक्षा परिषद

On: July 1, 2025 3:06 PM
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जमशेदपुर: पूर्वी सिंहभूम जिला उपायुक्त कार्यालय का समक्ष आदिवासी सुरक्षा परिषद ने साहिबगंज भोगनाडीह में सीधा कानून के वंशजों के ऊपर लाठी चार्ज के विरोध में प्रदर्शन किया और सरकार से मांग किया कि साहिबगंज जिला के जिला अधिकारी और आरक्षित अधीक्षक को बर्खास्त किया जाए, इसका नेतृत्व आदिवासी सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष रमेश हांसदा ने की इस संबंध में रमेश हांसदा ने बताया कि झारखंड के साहिबगंज जिला अंतर्गत भोगनाडीह स्थित सिदो-कानू शहीद स्थल, जो संथाल हूल की ऐतिहासिक भूमि है, वहाँ 30 जून 1855 की क्रांति की स्मृति में प्रत्येक वर्ष श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया जाता है। यह स्थल हमारी शहादत की विरासत का प्रतीक है जहाँ सिदो-कानू जैसे वीर शहीदों ने अंग्रेजी सत्ता के विरुद्ध संग्राम कर देश की आज़ादी के आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

दिनांक 29 जून 2025 को सिदो-कानू के वंशजों द्वारा पूर्व निर्धारित विचार गोष्ठी एवं श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया जाना था, जिसकी अनुमति हेतु ग्रामसभा से स्वीकृति प्राप्त की गई थी। परंतु अत्यंत खेदजनक है कि साहिबगंज जिला प्रशासन ने इस कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी तथा जब शहीदों के वंशज श्रद्धांजलि देने हेतु स्थल पर पहुँचे, तो उन पर लाठीचार्ज किया गया। यह कार्य न केवल शहीदों के सम्मान का अपमान है, बल्कि लोकतांत्रिक एवं संवैधानिक मूल्यों का भी घोर उल्लंघन है।

रमेश हांसदा ने कहा कि झारखंड के सरायकेला-खरसावाँ, चाईबासा आदि जिलों में शहीद दिवस के अवसर पर विभिन्न राजनीतिक दलों और संगठनों को श्रद्धांजलि कार्यक्रम के लिए प्रशासन द्वारा समय निर्धारण कर अनुमति दी जाती है, जिससे सभी शांतिपूर्वक आयोजन कर सकें। किंतु भोगनाडीह में जब 29 जून को कोई सरकारी कार्यक्रम प्रस्तावित नहीं था, तब भी वंशजों को कार्यक्रम करने से क्यों रोका गया, यह प्रशासन का पक्ष स्पष्ट नहीं है। इससे यह प्रतीत होता है कि जिला प्रशासन की कार्यप्रणाली में भेदभाव एवं राजनीतिक हस्तक्षेप की बू आती है,रमेश हांसदा ने कहा कि साहिबगंज जिला पांचवीं अनुसूची क्षेत्र के अंतर्गत आता है, जहाँ संविधान की पेसा कानून के तहत ग्रामसभा को सर्वोच्च अधिकार प्राप्त है। फिर भी ग्रामसभा की अनुमति एवं सहमति को दरकिनार कर प्रशासन ने कार्यवाही की, जो स्पष्टतः केंद्र एवं राज्य के संवैधानिक प्रावधानों की अवहेलना है।

इस अवसर पर आदिवासी सुरक्षा परिषद जमशेदपुर महानगर अध्यक्ष श्री राम सिंह मुंडा ने कहा कि साहिबगंज जिला प्रशासन झारखंड सरकार के इशारे पर आदिवासियों के ऊपर लाठी चार्ज किया है, जो सरासर गलत है, घायल आदिवासियों का समुचित इलाज की व्यवस्था सरकार की ओर से किया जाए, एवं पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए,

आदिवासियों के राज में आदिवासी के ऊपर अत्याचार और अन्य बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

राजपाल को सौंपे गए ज्ञापन में निम्नलिखित मांगों को रखा गया

1. सिद्धू-कानू के वंशजों पर किए गए लाठीचार्ज की घटना की निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच करवाई जाए।

2. दोषी प्रशासनिक अधिकारियों पर अविलंब अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।

3. शहीद परिवारों को उचित मानवाधिकार संरक्षण एवं न्याय प्रदान किया जाए।

4. भविष्य में इस प्रकार की घटनाएं दोबारा न हों, इसके लिए दिशा-निर्देश जारी किए जाएं।

इस प्रदर्शन में मुख्य रूप से महानगर जिला अध्यक्ष एस.टी.मोर्चा के रमेश बास्के, आदिवासी सुरक्षा परिषद के महानगर अध्यक्ष राम सिंह मुंडा, बीजेपी नेता काजू सांडील, मन मोहन हांसदा, मार्शल हांसदा,दीपक सुंडी,विनोद ओमंग,प्रकाश सांडील,सलिल महतो,असीस mardi,अर्जुन किस्कू,मार्शल हंसदा,गर्दी अल्फा,आयुष राज, अविनाश बाराइयक,प्रेम पत्रों,आयुष पत्रों,दसमत मुर्मू,सागर टुडू,सिद्धू baske,सूरज हेंब्रम,गणेश मुंडा,प्रकाश सांडील,संजय सरदार,

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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