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चाईबासा:सुरक्षा बलों को टारगेट करने के लिए प्लांट किए गए 30 आईईडी बम बरामद

On: July 5, 2025 5:05 AM
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चाईबासा :नक्सलियों के द्वारा सुरक्षा बलों को टारगेट करने के लिए प्लांट किए गए 30 आईईडी बम बरामद किए गए हैं। गुप्त सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों को यह कामयाबी मिली वरना नक्सली सुरक्षा बलों को बड़े पैमाने पर टारगेट करने के फिराक में थे।

प्राप्त जानकारी के अनुसार टोकलो थाना और दलभंगा ओपी के सीमावर्ती जंगल में नक्सल विरोधी अभियान के दौरान चाईबासा और सरायकेला-खरसवां पुलिस के साथ झारखंड जगुआर, सीआरपीएफ और एसएसबी की संयुक्त टीम ने तलाशी अभियान के दौरान नक्सलियों की ओर से पहले लगाए गए 30 आईईडी बम बरामद किए। बम निरोधक दस्ते ने त्वरित कार्रवाई करते हुए सभी बमों को मौके पर ही सुरक्षित तरीके से निष्क्रिय कर दिया, जिससे कोई जनहानि नहीं हुई।

चाईबासा पुलिस कप्तान राकेश रंजन को 4 जुलाई को गुप्त सूचना मिली थी कि भाकपा (माओवादी) के उग्रवादियों ने सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से टोकलो और दलभंगा के जंगलों में बड़ी संख्या में विस्फोटक छुपा रखे हैं। इस इनपुट के आधार पर संयुक्त टीम ने इलाके में सघन तलाशी अभियान चलाया। तलाशी के दौरान जंगलों और पहाड़ियों में छुपाए गए करीब 30 आईईडी बम बरामद हुए, जिनका वजन लगभग 2-2 किलोग्राम था। सभी बम सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के उद्देश्य से बिछाए गए थे।पुलिस अधिकारियों के अनुसार भाकपा (माओवादी) के शीर्ष नेता – मिसिर बेसरा, अनमोल, मोछु, अनल, असीम मंडल, अजय महतो, सागेन अंगरिया, अश्विन, पिंटू लोहरा, चंदन लोहरा, अमित हांसदा उर्फ अपटन, जयकांत, रापा मुंडा सहित कई अन्य दस्ते के सदस्य लगातार सारंडा और कोल्हान क्षेत्र में सक्रिय हैं और किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं। उनकी मौजूदगी की पुख्ता जानकारी मिलने के बाद पूरे इलाके में ऑपरेशन को और तेज कर दिया गया है।

SP राकेश रंजन ने बताया कि अभियान भविष्य में भी जारी रहेगा। उन्होंने ग्रामीणों से अपील की कि अगर कहीं कोई संदिग्ध वस्तु या गतिविधि दिखाई दे, तो तत्काल पुलिस को इसकी सूचना दें ताकि समय रहते सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस अभियान ने साबित कर दिया है कि नक्सली अब भी सुरक्षाबलों को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पुलिस और अर्धसैनिक बलों की सतर्कता और रणनीति से उनकी हर साजिश नाकाम हो रही है। लगातार चल रहे इन अभियानों से नक्सलियों का नेटवर्क कमजोर पड़ता जा रहा है और उनकी गतिविधियों पर करारा प्रहार हो रहा है।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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