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रांची: झारखंड हाईकोर्ट से 2 साल बीएड (B.Ed) कोर्स करने वाले अभ्यर्थियों को बड़ी राहत दी है। अदालत में सहायक आचार्य परीक्षा में वैसे सभी अभ्यर्थियों शामिल करने का निर्देश दिया है जिन्हें झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) ने एक वर्षीय बीएड का कोर्स होने की शर्त के चलते प्रमाण पत्र सत्यापन के दौरान चयन से बाहर कर दिया था।

अदालत में प्रार्थी की ओर से दलील दी गई कि दो वर्षीय बीएड कोर्स राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (NCTE) द्वारा मान्यता प्राप्त है और शिक्षण के लिए अधिक उपयुक्त है। हाईकोर्ट ने निर्णय में कहा कि योग्यता के मामले में दो वर्षीय बीएड को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। अब सभी पात्र अभ्यर्थियों को नियुक्ति प्रक्रिया में शामिल किया जाएगा। आयोग ने विज्ञापन में स्पष्ट कर दिया था कि केवल एक वर्षीय बीएड करने वाले उम्मीदवार ही आवेदन के पात्र होंगे। इसी आधार पर याचिकाकर्ता को अपात्र घोषित किया गया, जो पूरी तरह नियमसंगत था।