रांची। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी के 19 वर्षीय पुत्र कृष अंसारी द्वारा रिम्स अस्पताल के निरीक्षण से जुड़ा मामला अब राज्य की राजनीति में एक नया तूफान लेकर आया है। इस घटना को लेकर जहां विपक्ष लगातार मंत्री को घेर रहा है, वहीं पूर्व मंत्री सह भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष भानु प्रताप शाही ने मंत्री और उनके पुत्र को लेकर एक बार फिर तीखा हमला बोला है।
भानु प्रताप ने दी ‘कृष’ का नाम बदलने की सलाह भाजपा नेता भानु प्रताप शाही ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी करते हुए मंत्री इरफान अंसारी पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, “आप तो मंत्री थे, लेकिन आपने बेटे को भी मंत्री का पावर दे दिया। बेटे का नाम कृष रखा है, अगर कृष की जगह कृष्ण रखते तो और अच्छा होता। हम लोग इसे घर वापसी मानते। विचार कीजिए और कृष का नाम कृष्ण कर दीजिए। आइए, दोनों भाई मिलकर हनुमान चालीसा पढ़ते हैं।”
वायरल हुआ था निरीक्षण का वीडियो
बता दें कि हाल ही में कृष अंसारी रांची के रिम्स अस्पताल पहुंचे थे, जहां उन्होंने अस्पताल की व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया और वहां मौजूद कर्मियों को कई दिशा-निर्देश भी दिए। इस दौरान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद यह मामला तूल पकड़ गया। विपक्षी दलों ने इसे “नेतागिरी” करार देते हुए सवाल खड़े किए।
मंत्री इरफान अंसारी ने दी सफाई
पूरे मामले में अब मंत्री इरफान अंसारी की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने कहा, “कृष को लेकर जो बातें फैलाई जा रही हैं, वे पूरी तरह भ्रामक और दुर्भावनापूर्ण हैं। मेरा पुत्र एक संवेदनशील और पढ़ा-लिखा छात्र है, जो फिलहाल छुट्टियों में रांची आया हुआ है। उसने रिम्स अस्पताल में न तो कोई निरीक्षण किया, न ही किसी राजनीतिक उद्देश्य से वहां गया था। वह केवल अपने शिक्षक आदित्य कुमार झा के बीमार पिता को देखने गया था और साथ ही कुछ आदिवासी मरीजों की मदद भी की।”
सियासत गरम, जनता असमंजस में
इस पूरे प्रकरण ने झारखंड की राजनीति को एक बार फिर गरमा दिया है। जहां भाजपा इस मुद्दे को “पारिवारिक सत्ता प्रदर्शन” बता रही है, वहीं मंत्री इसे मानवीय संवेदना का नाम दे रहे हैं। अब देखना होगा कि यह मुद्दा आगे किस दिशा में जाता है।