Sunday, July 27, 2025

बिहार के बाद अब देशभर में होगा वोटर वेरिफिकेशन, चुनाव आयोग का ऐलान

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नई दिल्ली: बिहार में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Review, SIR) के बीच भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने वोटर वेरिफिकेशन को लेकर आदेश जारी किया है। ईसीआई के मुताबिक, देशभर में मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) शुरू किया जाएगा। निर्वाचन आयोग ने विशेष गहन पुनरीक्षण को लेकर आदेश जारी किया है, जिसके बारे में जानकारी शुक्रवार को दी गई है।

ईसीआई ने आदेश में कहा, “चुनाव आयोग ने मतदाता सूची का विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) शुरू करने का फैसला लिया है। यह कदम संविधान के अनुच्छेद 324 और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 (आरपीए 1950) के तहत लिया गया है, जिसमें संसद और राज्य विधानसभाओं के चुनावों और मतदाता सूची की तैयारी की देखरेख की जिम्मेदारी आयोग को दी गई है। स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए मतदाता सूची की सटीकता जरूरी है। जन प्रतिनिधि अधिनियम 1950 और 1960 के मतदाता पंजीकरण नियमों (आरईआर, 1960) के तहत मतदाता सूची बनाने की प्रक्रिया और योग्यता तय की जाती है।”इसमें आगे बताया गया, “आयोग ने पहले भी 1952-56, 1957, 1961, 1965, 1966, 1983-84, 1987-89, 1992, 1993, 1995, 2002, 2003 और 2004 में देश के कुछ हिस्सों में मतदाता सूची का गहन पुनरीक्षण किया था। बिहार में आखिरी बड़ा पुनरीक्षण 2003 में 1 जनवरी 2003 को आधार तारीख के साथ हुआ था। इस पुनरीक्षण का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि सभी पात्र नागरिक मतदाता सूची में शामिल हों और किसी को बाहर न रखा जाए। संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, 18 साल या उससे ज्यादा उम्र के भारतीय नागरिक, जो किसी कानून से अयोग्य न हों, मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के हकदार हैं। आयोग ने पिछले 20 सालों में मतदाता सूची में बड़े बदलाव, शहरीकरण, और लोगों के एक जगह से दूसरी जगह पलायन को देखते हुए इस कदम को जरूरी माना है।”


आयोग ने कहा कि लोग शिक्षा, रोजगार और अन्य कारणों से एक जगह से दूसरी जगह जाते हैं और नई जगह पर मतदाता सूची में अपना नाम दर्ज कराते हैं, लेकिन पुरानी जगह से नाम नहीं हटाते। इससे मतदाता सूची में दोहरे नाम की समस्या बढ़ रही है। इसलिए, मतदाता सूची की शुद्धता के लिए गहन सत्यापन अभियान की जरूरत है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 326 के अनुसार, मतदाता सूची में नाम दर्ज कराने के लिए भारतीय नागरिक होना जरूरी है। चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना है कि केवल भारतीय नागरिक ही सूची में शामिल हों।


ईसीआई ने कहा, “चुनाव आयोग ने पूरे देश में विशेष गहन संशोधन (स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन) शुरू करने का फैसला किया है, लेकिन बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं, इसलिए बिहार में यह अभियान पहले शुरू होगा। बाकी देश के लिए समय-कार्यक्रम बाद में जारी होगा।”


चुनाव आयोग ने यह भी कहा, “बिहार में आखिरी गहन संशोधन 2003 में हुआ था, इसलिए 1, जनवरी 2003 की मतदाता सूची को पात्रता और नागरिकता का आधार माना जाएगा, जब तक कि कोई नई जानकारी न मिले, जिनका नाम 2003 की सूची में नहीं है, उन्हें मतदाता सूची में शामिल होने के लिए सरकार द्वारा निर्धारित दस्तावेज जमा करने होंगे। मौजूदा मतदाता सूची 6, जनवरी 2025 को प्रकाशित हुई थी और तब से लगातार अपडेट हो रही है। आयोग ने निर्देश दिया है कि 25 जुलाई 2025 तक सभी मौजूदा मतदाताओं को पहले से भरा हुआ गणना फॉर्म (एन्यूमरेशन फॉर्म) उपलब्ध कराया जाए। ड्राफ्ट मतदाता सूची में केवल उन मतदाताओं के नाम शामिल होंगे, जिन्होंने यह फॉर्म भरा होगा। यह एक गहन संशोधन है, इसलिए फॉर्म न जमा करने वाले मतदाताओं के नाम सूची से हटाए जा सकते हैं और 25 जुलाई 2025 से पहले किसी भी मतदाता का नाम ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल नहीं किया जाएगा।”

निर्वाचन आयोग ने अधिकारियों के लिए भी निर्देश जारी किए हैं। ईसीआई ने आदेश में कहा, “मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ), जिला निर्वाचन अधिकारी (डीईओ), निर्वाचन रजिस्ट्रीकरण अधिकारी (ईआरओ), और बूथ लेवल अधिकारी (बीएलओ) को यह सुनिश्चित करना होगा कि वास्तविक मतदाताओं, खासकर बुजुर्ग, बीमार, दिव्यांग, गरीब, और अन्य कमजोर वर्गों को परेशान न किया जाए। इनके लिए यथासंभव सहायता दी जाए, जिसमें स्वयंसेवकों की मदद भी शामिल हो। ईआरओ/एईआरओ बिना जांच और संबंधित व्यक्ति को उचित अवसर दिए बिना ड्राफ्ट सूची से किसी का नाम नहीं हटाएंगे। अगर कोई व्यक्ति ईआरओ के फैसले से असंतुष्ट है, तो वह आरपी एक्ट, 1950 की धारा 24(ए) और आरईआर, 1960 के नियम 27 के तहत जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) के पास अपील कर सकता है। अगर डीएम के आदेश से भी संतुष्टि न मिले, तो व्यक्ति 30 दिनों के भीतर मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) के पास दूसरी अपील दायर कर सकता है, जैसा कि आरपी एक्ट, 1950 की धारा 24(बी) और आरईआर, 1960 के नियम 27 में उल्लेखित है। इसके अलावा, नए मतदाता के रूप में पंजीकरण या बिहार के बाहर से स्थानांतरण के लिए आवेदन करने वालों को अब फॉर्म 6/फॉर्म 8 के साथ एक अतिरिक्त घोषणा पत्र भी भरना होगा।”

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