Ranchi: रांची के इतिहास में आज का दिन साहस, सेवा और संकल्प का प्रतीक बन गया। Ideate Inspire Ignite (i3) Foundation द्वारा आयोजित ‘द हिमालयन कॉन्क्लेव 2025 (Everest Summit 3.0)’ के मंच पर देश और दुनिया के 25 से अधिक पर्वतारोहियों ने ना सिर्फ़ अपने अद्वितीय अनुभव साझा किए, बल्कि जलवायु परिवर्तन, साइबर सुरक्षा, महिला सशक्तिकरण जैसे ज्वलंत विषयों पर सार्थक संवाद भी किया।
दीप प्रज्वलन और उद्घाटन
कार्यक्रम की शुरुआत हुई दीप प्रज्वलन से, जिसमें शामिल हुए कई सम्माननीय अतिथि, पर्वतारोही, प्रायोजक और i3 फाउंडेशन के संस्थापक श्री राजीव गुप्ता। अपने उद्घाटन भाषण में श्री गुप्ता ने कहा –
“पर्वतारोही सिर्फ़ शिखर नहीं छूते, वे चेतना की ऊँचाइयाँ बनाते हैं। हिमालय की बर्फ़ीली चुप्पियों के भीतर वे उस जलवायु संकट की पुकार सुनते हैं, जिसे अब पूरी दुनिया को सुनना चाहिए।”
भारत के सबसे बड़े पर्वतारोहण सम्मेलन में शामिल हुए ये प्रमुख नाम: • जैमलिंग तेनजिंग नोर्गे • पद्मश्री प्रेमलता अग्रवाल • छोंजिन अंगमो – पहली दृष्टिहीन भारतीय महिला जिन्होंने एवरेस्ट फतह किया • वी. कार्तिके – सबसे कम उम्र में 7 समिट्स पूरा करने वाले भारतीय • काम्या कार्तिकेयन – सबसे युवा महिला पर्वतारोही • अनुराग मल्लू, अनिंद्य मुखर्जी, कर्नल पी.एस. चौहान, लेफ्टिनेंट कर्नल पूजा नौटियाल, सत्यरूप सिद्धांत, शरद कुलकर्णी, और कई अन्य प्रतिष्ठित नाम
प्रेरणा से भरपूर सत्र और चर्चाएं
जलवायु कार्रवाई पर पैनल चर्चा
अनुराग मल्लू (संचालक), अनिंद्य मुखर्जी, जैमलिंग तेनजिंग, कर्नल पी.एस. चौहान और हेमंत गुप्ता ने साझा किया कि कैसे हिमालय की बदलती तस्वीर अब चेतावनी बन चुकी है।
“अब वक्त नहीं कि हम केवल पर्वत फतह करें, अब ज़रूरत है कि हम प्रकृति को पुनर्जीवित करें।”
जीवन के अनुभव साझा करते वक्ता: • छोंजिन अंगमो – दृष्टिहीनता को पार करते हुए एवरेस्ट फतह का संघर्ष • वी. कार्तिके – 17 वर्ष की उम्र में 7 महाद्वीपों के 7 शिखरों को जीतने की यात्रा • काम्या कार्तिकेयन – कम उम्र में हौसले की बुलंदी का उदाहरण • दावा ताशी शेरपा – हिमालय में जीवन, संस्कृति और आत्मा की कहानियां
साइबर सुरक्षा पर पैनल चर्चा
वक्ताओं में शामिल रहे – ले. कर्नल पूजा नौटियाल (संचालक), शरद कुलकर्णी, सत्यरूप सिद्धांत, केवल कक्का, सत्यदीप गुप्ता, काम्या कार्तिकेयन
“आज जब तकनीक हमारे जीवन का हिस्सा बन चुकी है, तो सुरक्षा केवल पर्वतों पर नहीं, इंटरनेट पर भी चाहिए।”
भारतीय हिमालय में अन्वेषण पर संवाद
Col P, MI उमेश ज़िरपे, भूषण हर्षे, देबराज दत्ता, रूद्र हालदर, एमिली मुखर्जी, मलय मुखर्जी ने भारतीय हिमालय की खोज, संरक्षण और संवर्धन पर अपने विचार रखे।
Tenzing Norgay Excellence Award 2025
सम्मान समारोह का आयोजन जैमलिंग तेनजिंग नोर्गे द्वारा किया गया, जिनके हाथों यह प्रतिष्ठित पुरस्कार प्रदान किया गया।
एक भावनात्मक संगीत प्रस्तुति के माध्यम से ऑपरेशन सिंदूर पर आधारित कहानी प्रस्तुत की गई, जिसने हर दर्शक की आंखें नम कर दीं और साहस की नई परिभाषा गढ़ दी।
आयोजन में सहभागिता
यह आयोजन संभव हो सका झारखंड सरकार के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के सहयोग से। साथ ही प्रमुख साझेदार रहे:टाटा स्टील, अडानी पावर, साइबरपीस, आरबीएल बैंक, FJCCI, डॉ. प्रणिता इंस्टीट्यूट, डिगीक्रो कंसल्टिंग और प्रतिज्ञा संस्था।
‘द हिमालयन कॉन्क्लेव 2025’ केवल एक पर्वतारोहण सम्मेलन नहीं था, बल्कि यह प्रकृति, प्रौद्योगिकी और प्रेरणा का संगम था। इस मंच ने झारखंड को नई पहचान दी – एक राज्य जो अब न केवल खनिजों से समृद्ध है, बल्कि चेतना और साहस से भी भरपूर है।
“हिमालय की ऊँचाइयाँ अब केवल पर्वतारोहियों की नहीं, यह हर जागरूक नागरिक की ज़िम्मेदारी हैं।”