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रांची: झारखंड में पिछले तीन महीनों में प्राकृतिक आपदाओं के कारण 431 लोगों की मौत हुई है। राज्य आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव राजेश कुमार शर्मा ने गुरुवार को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि ये मौतें मई से जुलाई महीने के बीच बिजली गिरने, डूबने और अन्य हादसों के कारण हुई हैं। इन 431 मौतों में से सबसे ज्यादा मौतें बिजली गिरने से हुई हैं, जिनकी संख्या 180 है। वहीं, डूबने के कारण 161 लोगों की जान गई है। इसके अलावा, सर्पदंश से 80 लोगों की, भारी बारिश से 9 लोगों की और बाढ़ से एक व्यक्ति की मौत हुई है।

17 जून से झारखंड में लगातार भारी बारिश हो रही है। इसके चलते कई जिलों में बाढ़, जलभराव और मिट्टी खिसकने जैसी घटनाएं हुईं हैं। रांची, गुमला, लातेहार, साहिबगंज और दुमका जैसे जिलों में सबसे ज्यादा असर देखने को मिला। कई पुल और सड़कें टूट गईं, ग्रामीण इलाकों का संपर्क शहरों से कट गया है। भारी बारिश और बाढ़ ने जनहानि के साथ-साथ आजीविका पर भी गहरा असर डाला है। 2,390 हेक्टेयर से अधिक फसलें बर्बाद हो गईं। कुल 8,426 कच्चे मकानों में से 7,979 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए और 447 पूरी तरह ढह गए, जबकि 228 पक्के मकानों में से 208 को आंशिक और 20 को पूरी तरह नुकसान पहुंचा है।

राज्य सरकार ने ₹47 करोड़ का राहत फंड जारी करते हुए संवेदनशील जिलों में चेतावनी तंत्र, गोताखोर दल और बचाव टीम सक्रिय की हैं। बारिश व बिजली गिरने के दौरान लोगों को सुरक्षित स्थानों पर रहने की चेतावनी दी गई है। साथ ही, भविष्य में नुकसान रोकने के लिए ‘लाइटनिंग मिटिगेशन प्लान’ और स्थायी राहत उपाय लागू करने की घोषणा की गई है।