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नई दिल्ली:इंडिया गठबंधन ने एनडीए के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन के खिलाफ उपराष्ट्रपति के लिए तेलंगाना से आने वाले पूर्व जज बी सुदर्शन रेड्डी का नाम ऐलान कर दिया है।

रेड्डी के नाम की घोषणा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने की है.

खरगे के मुताबिक विपक्ष के सभी दलों से बातचीत के बाद सुदर्शन रेड्डी के नाम पर फैसला लिया गया है. आम आदमी पार्टी ने भी रेड्डी के नाम का समर्थन किया है.

सरकार के साथ नहीं बनी सहमति

सरकार की कोशिश उपराष्ट्रपति के नाम पर सहमति बनाने की थी, लेकिन बात नहीं बन पाई. एनडीए ने 2 दिन पहले सीपी राधाकृष्णन के नाम की घोषणा की थी. इसके बाद रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सभी दलों से बात करने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.

बी सुदर्शन रेड्डी से पहले डीएमके के तिरुचि शिवा के नाम की भी चर्चा सियासी गलियारों में चल रही थी, लेकिन इंडिया गठबंधन ने तेलंगाना से आने वाले सुदर्शन को ही उपराष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने का फैसला किया है.

कौन हैं उम्मीदवार बी सुदर्शन रेड्डी?

बी सुदर्शन रेड्डी 2007 से 2011 तक सुप्रीम कोर्ट के जज रहे हैं. 1946 में जन्मे सुदर्शन रेड्डी की प्रारंभिक पढ़ाई-लिखाई आंध्र में ही हुई है. उस्मानिया विश्वविद्यालय ने रेड्डी ने वकालत की डिग्री हासिल की. इसके बाद मशहूर वकील के प्रताप रेड्डी के अधीन काम शुरू किया. अगस्त 1988 में रेड्डी को हाईकोर्ट में सरकारी वकील नियुक्त किया गया.

1993 में रेड्डी आंध्र प्रदेश के एडिशनल जज नियुक्त किए गए. 2005 में रेड्डी को गुवाहाटी हाईकोर्ट का मुख्य न्यायाधीश बनाया गया. 2007 में रेड्डी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए. 2013 में रेड्डी को गोवा का लोकायुक्त नियुक्त किया गया था.

सुदर्शन रेड्डी को ही उम्मीदवार क्यों बनाया?

बीजेपी ने तमिलनाडु से आने वाले सीपी राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है. इसे दक्षिण की राजनीति को साधने के रूप में देखा जा रहा है. कांग्रेस भी इस लड़ाई में पीछे नहीं रहना चाहती है. इसलिए पार्टी ने तेलंगाना के रेड्डी को आगे कर दिया है.

इतना ही नहीं, सुदर्शन रेड्डी तेलंगाना में जातिगत सर्वे की टीम के मुखिया थे. उन्हीं के नेतृत्व में तेलंगाना में जातिगत सर्वेक्षण का काम संपन्न हुआ है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी लगातार कास्ट सेंसस का मुद्दा उठा रहे हैं. सुदर्शन रेड्डी को लाकर पार्टी इस अभियान को और ज्यादा धार देना चाहती है.