वेनेजुएला-अमेरिका टकराव की आहट: वेनेजुएला की समुद्री सीमा के पास अमेरिकी युद्धपोतों की तैनाती, मादुरो ने दी जवाबी चुनौती; 45 लाख लड़ाके तैनात

On: August 20, 2025 8:00 PM

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काराकस/वॉशिंगटन: दक्षिण अमेरिका का सबसे बड़ा भू-राजनीतिक तनाव एक बार फिर चरम पर पहुंच गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर अमेरिका ने वेनेजुएला की समुद्री सीमा के पास तीन विध्वंसक युद्धपोत तैनात कर दिए हैं। इस कदम को ड्रग कार्टेल के खिलाफ अभियान के हिस्से के रूप में पेश किया जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह सीधा-सीधा वेनेजुएला की संप्रभुता को चुनौती देने जैसा है।
सूत्रों के अनुसार, अगले 36 घंटों में अमेरिकी नौसेना के तीन युद्धपोत यूएसएस ग्रेवली, यूएसएस जेसन डनहम और यूएसएस सैम्पसन कैरिबियाई सागर में पहुंच जाएंगे। इस सैन्य तैनाती में लगभग 4000 अमेरिकी नौसैनिक और नाविक शामिल होंगे। इसके अलावा अमेरिका ने कई P-8 गश्ती विमान, युद्धपोत और कम से कम एक हमलावर पनडुब्बी को भी इस क्षेत्र में सक्रिय कर दिया है।
अमेरिकी प्रशासन का दावा है कि यह कार्रवाई मादक पदार्थों की तस्करी रोकने और ड्रग माफियाओं की कमर तोड़ने के लिए की जा रही है। अमेरिकी अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि ये सैन्य संसाधन केवल खुफिया और निगरानी गतिविधियों तक सीमित नहीं रहेंगे, बल्कि आवश्यकता पड़ने पर आक्रामक कार्रवाई के लिए भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं। हालांकि, ट्रंप प्रशासन का कहना है कि सभी ऑपरेशन अंतरराष्ट्रीय जल और हवाई क्षेत्र में संचालित होंगे ताकि किसी देश की संप्रभुता का सीधा उल्लंघन न हो।
अमेरिका की इस आक्रामक पहल के बाद वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने जोरदार पलटवार किया है। मादुरो ने एक टेलीविजन संबोधन में ऐलान किया कि वेनेजुएला अपनी संप्रभुता से कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने कहा – “मैं देश की ज़मीन, समुद्र और आकाश की रक्षा के लिए 45 लाख से अधिक मिलिशिया के साथ एक विशेष योजना को सक्रिय करूंगा। हमारी मिलिशिया तैयार, सक्रिय और पूरी तरह सशस्त्र हैं।”
मादुरो ने अपने सैनिकों और नागरिक मिलिशिया से आह्वान किया कि वे किसी भी अमेरिकी दबाव के आगे झुकने की बजाय देश की रक्षा के लिए हर मोर्चे पर तैयार रहें।
अमेरिका की इस कार्रवाई ने पूरे लैटिन अमेरिकी क्षेत्र में चिंता बढ़ा दी है। कई पड़ोसी देशों ने ट्रंप प्रशासन के कदम की आलोचना करते हुए इसे “किसी संप्रभु राष्ट्र के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप” करार दिया है। अंतरराष्ट्रीय जानकारों का मानना है कि अगर यह तनाव और बढ़ा तो पूरे दक्षिण अमेरिकी महाद्वीप में अस्थिरता फैल सकती है।
जहां अमेरिका इसे ड्रग माफियाओं के खिलाफ जंग बता रहा है, वहीं वेनेजुएला इसे अपने खिलाफ सीधे-सीधे युद्ध की भूमिका मान रहा है। आने वाले कुछ दिनों में यह स्पष्ट होगा कि यह सैन्य टकराव किस दिशा में जाता है – क्या यह सिर्फ शक्ति-प्रदर्शन बनकर रहेगा या फिर लैटिन अमेरिका एक नए भू-राजनीतिक संकट में फंस जाएगा।