3000 साल पुराना संगीत रहस्य: सीरिया के खंडहरों में मिली वैदिक श्लोकों की झलक, वैज्ञानिक भी रह गए दंग

On: August 21, 2025 11:16 AM

---Advertisement---
नई दिल्ली: संगीत को हमेशा से मानव इतिहास में भावनाओं, संस्कृति और परंपराओं को जोड़ने का सबसे प्राचीन और शक्तिशाली माध्यम माना गया है। हाल ही में वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने एक ऐसी खोज की है जिसने संगीत के इतिहास को नई दिशा दी है। यह खोज है ‘हिम्न टू निक्कल’ (Hymn to Nikkal) की – जिसे अब तक का सबसे पुराना लिखा गया संगीत माना जा रहा है।
3000 साल पुराना संगीत
यह भजन करीब 3000 साल पुराना है और इसे सीरिया के भूमध्यसागर तट पर बसे प्राचीन बंदरगाह शहर उगारित (Ugarit) के खंडहरों से खोजा गया था। विशेषज्ञों का मानना है कि यह सिर्फ एक धार्मिक भजन नहीं, बल्कि उस दौर की संगीतात्मक परंपरा और सभ्यता की झलक है।
ऋग्वेद से गहरा संबंध
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, सांता बारबरा के प्रोफेसर डैन सी. बाकियू और उनकी टीम ने इस भजन पर गहन अध्ययन किया। उनकी रिसर्च में एक चौंकाने वाला तथ्य सामने आया – ‘हिम्न टू निक्कल’ और भारत के सबसे प्राचीन ग्रंथ ऋग्वेद के छंदों की लयात्मक संरचना में अद्भुत समानता पाई गई।
शोध के अनुसार, ऋग्वेद के हर पांच में से एक श्लोक का समापन उसी लय पर होता है, जैसा ‘हिम्न टू निक्कल’ में मिलता है।
इस तरह का संयोग बेहद दुर्लभ माना गया है – लगभग दस लाख में एक संभावना।
कंप्यूटर आधारित तकनीक से की गई लय और धुन की मैपिंग में सामने आया कि दोनों रचनाएं सिर्फ लय में ही नहीं, बल्कि अपनी संगीतात्मक संरचना में भी एक जैसी हैं।
वैश्विक संगीत संस्कृति की ओर इशारा
यह शोध Preprints.org पर प्रकाशित किया गया है। निष्कर्ष बताते हैं कि कांस्य युग (Bronze Age) में संभवतः एक साझा वैश्विक संगीत संस्कृति अस्तित्व में थी। भले ही सभ्यताएँ हजारों किलोमीटर दूर थीं, लेकिन उनकी संगीत परंपराएँ किसी अदृश्य धागे से जुड़ी हुई प्रतीत होती हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह खोज इस बात का मजबूत संकेत है कि वैदिक भारत का संगीत और उसकी लयात्मक परंपराएं केवल उपमहाद्वीप तक सीमित नहीं थीं। बल्कि उन्होंने उस दौर की अन्य सभ्यताओं को भी प्रभावित किया और एक साझा सांस्कृतिक पहचान की नींव रखी।