आखिर कौन है अजरबैजान से प्रत्यर्पित गैंगस्टर मयंक सिंह? लॉरेंस बिश्नोई और अमन साहू से रहा है कनेक्शन

On: August 23, 2025 7:02 PM

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रांची: झारखंड पुलिस ने आज इतिहास रचते हुए कुख्यात अपराधी सुनील कुमार उर्फ सुनील कुमार मीणा उर्फ मयंक सिंह को अजरबैजान की राजधानी बाकू से प्रत्यर्पण कर भारत लाने में बड़ी सफलता हासिल की। शनिवार को झारखंड एटीएस (Anti-Terrorist Squad) की टीम उसे रांची लेकर आई और रामगढ़ सिविल कोर्ट में पेश किया।
झारखंड पुलिस की पहली विदेशी प्रत्यर्पण कार्रवाई
राज्य के आपराधिक इतिहास में यह पहला मौका है जब किसी अपराधी को विदेश से प्रत्यर्पित कर भारत लाया गया है। मयंक पिछले एक साल से बाकू जेल में बंद था। उसके प्रत्यर्पण में झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता और एटीएस एसपी ऋषभ झा की अहम भूमिका रही।
अदालत से लेकर इंटरपोल तक की लंबी लड़ाई
मयंक सिंह के खिलाफ झारखंड एटीएस ने ठोस दस्तावेज और सबूत जुटाए।
बाकू की निचली अदालत ने पहले प्रत्यर्पण को मंजूरी दी।
इसके खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील हुई, लेकिन उच्च अदालत ने भी प्रत्यर्पण के आदेश बरकरार रखे।
भारत और अजरबैजान के बीच पहले से मौजूद प्रत्यर्पण संधि ने इस प्रक्रिया को संभव बनाया।
अपराध की फेहरिस्त
झारखंड पुलिस मुख्यालय के अनुसार मयंक सिंह पर 48 आपराधिक मामले दर्ज हैं।
सबसे ज्यादा केस हजारीबाग जिले के विभिन्न थानों में दर्ज हैं।
रांची, रामगढ़, पलामू और गिरिडीह में भी कई मामले लंबित हैं।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर और राजस्थान पुलिस के पास भी उसके खिलाफ मामले दर्ज हैं।
गैंगस्टर नेटवर्क से गहरा रिश्ता
मयंक सिंह कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू (अब मृत) और लॉरेंस बिश्नोई का बेहद करीबी रहा है।
अमन साहू के फाइनेंशियल व हथियार नेटवर्क को मयंक ही संचालित करता था।
पुलिस का मानना है कि मयंक से पूछताछ के बाद इस पूरे नेटवर्क को ध्वस्त करने में मदद मिलेगी।
इंटरनेट कॉल और सोशल मीडिया के जरिए वह झारखंड के व्यापारियों से रंगदारी वसूली करता था।
मलेशिया से अजरबैजान तक
पिछले दो सालों से मयंक मलेशिया में रहकर अपराध की दुनिया को संचालित कर रहा था।
वहीं से वह लॉरेंस के निर्देश पर अमन साहू के साथ काम कर रहा था।
उसकी पहचान छुपाने के लिए वह मयंक सिंह का छद्म नाम इस्तेमाल करता था।
झारखंड पुलिस ने रेड कॉर्नर नोटिस जारी कर उसका पासपोर्ट रद्द कराया, जिसके बाद वह अजरबैजान में पकड़ा गया।
राजस्थान से लेकर झारखंड तक संपत्तियां
मयंक असल में राजस्थान के अनूपगढ़ जिला, घड़साना क्षेत्र का रहने वाला है।
झारखंड एटीएस ने उसकी चल-अचल संपत्तियों की कुर्की की कार्रवाई भी की है।
खौफ की कमाई से उसने महंगी गाड़ियां और आलीशान मकान भी खरीदे थे।
यह कार्रवाई झारखंड पुलिस के लिए मील का पत्थर साबित होगी। मयंक सिंह के नेटवर्क का भंडाफोड़ होने से झारखंड ही नहीं, राजस्थान और छत्तीसगढ़ की पुलिस को भी बड़ी मदद मिलेगी।