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जेएसएमडीसी के बालू घाट पर माफियाओं का कब्जा, 1500 रुपये का बालू 9000 रुपये में बिक रहा, गरीब आवास निर्माण ठप

On: August 25, 2025 1:59 PM
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झारखंड वार्ता

मंझिआंव (गढ़वा)। झारखंड सरकार द्वारा आम लोगों एवं गरीबों को सस्ती दर पर बालू उपलब्ध कराने के उद्देश्य से टेंडर प्रक्रिया के तहत जेएसएमडीसी को बालू घाट सौंपा गया था। लेकिन वर्तमान स्थिति सरकार की मंशा के बिल्कुल उलट है। मंझिआंव प्रखंड के बकोइया बालू भंडारण स्थल पर बालू माफियाओं का कब्जा हो गया है। आलम यह है कि जहां सरकारी चालान के अनुसार 200 सीएफटी बालू का मूल्य 1500 रुपये तय है, वहीं जरूरतमंदों को यह बालू 9000 रुपये प्रति टीपर बेचा जा रहा है।

गरीबों की पहुंच से बाहर हुआ बालू

ग्रामीणों का कहना है कि इस ऊंची दर पर बालू खरीदना गरीब व आम लोगों के लिए तो संभव ही नहीं है। बालू माफिया पूंजीपतियों को बालू उपलब्ध करा रहे हैं और बड़े-बड़े हाइवा के माध्यम से इसे अन्य राज्यों तक भेजा जा रहा है। इसके बावजूद प्रखंड से लेकर जिला प्रशासन तक मौन साधे हुए हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह प्रशासनिक उदासीनता और मिलीभगत का परिणाम है।

आवास योजना पर संकट

बालू की अनुपलब्धता का सबसे अधिक असर सरकार की महत्वाकांक्षी योजना अबुआ आवास पर पड़ा है। मंझिआंव प्रखंड में 1585 अबुआ आवास की स्वीकृति दी गई थी, जिनमें से लगभग 1000 लाभुकों को राशि भी निर्गत कर दी गई है। लेकिन बालू उपलब्ध न होने के कारण अधिकांश आवास का निर्माण कार्य शुरू भी नहीं हो सका है।

प्रखंड विकास पदाधिकारी कनक ने बताया कि लाभुकों को बरसात से पहले बालू भंडारण कर निर्माण कार्य शुरू करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन अधिकांश ने गंभीरता नहीं दिखाई। अब उनके विरुद्ध नोटिस भेजने की कार्रवाई की जा रही है।

मजदूर यूनियन की चेतावनी

इस मामले पर बिहार प्रगतिशील मजदूर यूनियन के प्रखंड संयोजक अवध बिहारी सिंह ने कहा कि बकोइया एवं आमर बालू घाट पूरी तरह माफियाओं के कब्जे में है। गरीबों को बालू नहीं मिल रहा और मजबूरी में लोग मकान निर्माण अधूरा छोड़ने को विवश हैं। उन्होंने मांग की कि सप्ताह में कम से कम दो दिन प्रशासनिक उपस्थिति में कैंप लगाकर गरीबों को चालान दर पर बालू उपलब्ध कराया जाए, अन्यथा मजदूर यूनियन सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को विवश होगी।

प्रशासनिक अधिकारियों की प्रतिक्रिया

इस संबंध में डीएमओ राजेंद्र उरांव ने कहा कि जेएसएमडीसी और उसकी सहयोगी संस्था के बीच कुछ विवाद हुआ है। संबंधित अधिकारी रांची गए हैं, उनके लौटने के बाद स्थिति स्पष्ट होगी। वहीं मंझिआंव के सीओ प्रमोद कुमार ने पहले तो इस पर आश्चर्य जताया, लेकिन प्रमाण दिखाए जाने के बाद कहा कि अगर कोई लिखित आवेदन देगा तो वे खनन विभाग से पत्राचार करेंगे।

Shubham Jaiswal

“मैं शुभम जायसवाल, बीते आठ वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने विभिन्न प्रतिष्ठित अखबारों और समाचार चैनलों में प्रतिनिधि के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले पाँच वर्षों से मैं साप्ताहिक अखबार ‘झारखंड वार्ता’ से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ। पत्रकारिता मेरे लिए केवल पेशा नहीं बल्कि समाज और जनता के प्रति एक जिम्मेदारी है, जहाँ मेरी कलम हमेशा सच और न्याय के पक्ष में चलती है।

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