क्रोमा का अनुमान, वित्त वर्ष 26 में होगी 22 प्रतिशत बाज़ार वृद्धि
रांची:मानसून में दूषित पानी से फैलने वाली बीमारियों के प्रति लोगों की चिंता ने वाटर प्यूरीफायर की मांग को नई ऊंचाई पर पहुंचा दिया है। उद्योग आंकड़ों के अनुसार, इस सीजन भारत का वाटर प्यूरीफायर बाजार 32 प्रतिशत बढ़ा है। क्रोमा का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2026 में यह वृद्धि 22 प्रतिशत तक जा सकती है।
क्रोमा के शोध के मुताबिक, सालभर में होने वाली कुल खरीद का करीब 35 प्रतिशत हिस्सा मानसून में होता है। उत्तर भारत 31 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ आरओ प्यूरीफायर की बिक्री में अव्वल है, जबकि दक्षिण 30 प्रतिशत, पश्चिम 25 प्रतिशत और पूर्व 15 प्रतिशत पर हैं। तकनीकी पसंद में आरओ की हिस्सेदारी 90 प्रतिशत तक पहुंच चुकी है।
अप्रैल-जून 2025 तिमाही में क्रोमा ने 11 प्रतिशत बिक्री और 12 प्रतिशत मूल्य वृद्धि दर्ज की। महाराष्ट्र 25 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ सबसे बड़ा बाजार बना हुआ है, जबकि कर्नाटक, गुजरात और तेलंगाना भी मजबूत स्थिति में हैं। पुणे और मुंबई जैसे शहरी केंद्र खपत में सबसे आगे हैं।
क्रोमा-इनफिनिटी रिटेल लिमिटेड के प्रवक्ता ने कहा, ‘बरसात में परिवार सुरक्षित पानी के लिए विश्वसनीय समाधान तलाश रहे हैं। हमारी विशेषज्ञ टीम ग्राहकों को उनके घर के लिए सही विकल्प चुनने में मदद कर रही है। हमें गर्व है कि उपभोक्ता हमें भरोसेमंद साथी मानते हैं।’
प्रवक्ता ने आगे बताया कि अंडर-द-काउंटर प्यूरीफायर की इंस्टॉलेशन सालाना 30 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि एक्सटेंडेड वारंटी लेने वालों की संख्या मानसून में बढ़कर 13.4 प्रतिशत हो गई। कंपनी ने वित्त वर्ष में 20 से 22 प्रतिशत सीएजीआर वृद्धि का लक्ष्य रखा है।