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पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस अध्यक्ष के लिए त्रिकोणीय मुकाबला! जानें कौन-कौन रेस में आगे

On: September 6, 2025 1:00 PM
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रिपोर्ट सतीश सिन्हा

जमशेदपुर : पूर्वी सिंहभूम में जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए दावेदारों ने अपना आवेदन दे दिया है और जोड़-तोड़ पहले से ही शुरू थी और अब परिणाम आने की देर है। बिष्टुपुर स्थित तिलक पुस्तकालय में गुजरात से आए पर्यवेक्षक के रूप में विधायक अनंत पटेल को तकरीबन 70 कांग्रेसियों के द्वारा अपना दावा वाला फार्म पेश किया गया है। जिसमें मुख्य रूप से फिलहाल तक अध्यक्ष पद पर काबिज आनंद बिहारी दुबे और उनको सबसे ज्यादा चुनौती देने वाले में धर्मेंद्र सोनकर का नाम भी शामिल है। इसके अलावा एक और नाम भी चर्चा में है जो आनंद बिहारी दुबे और धर्मेंद्र सोनकर दोनों को टक्कर देने वाले हैं।जिन्होंने भी दावा किया है वे हैं वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मनोज कुमार सिंह जो झारखंड प्रदेश इंटक के सयुक्त सचिव सह टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के कमेटी मेम्बर श्री मनोज कुमार सिंह। जिनकी भी दावेदारी मजबूत लग रही है।

पहले बता दें कि इनके अलावा और किन-किन लोगों ने दावेदारी की है। प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला परिषद सदस्य परितोष कुमार, विजय यादव, राकेश साहू, प्रिंस सिंह, विजय यादव, ज्योति मिश्रा, अवधेश सिंह, प्रमोद साव, कामेश्वर प्रसाद, मनोज साहू, रंजीत साहू, आयुष गुप्ता, अशोक साहू, गौतम गुप्ता, फिरोज खान, अंसार खान आदि शामिल हैं।

सूत्रों का कहना है कि आनंद बिहारी दुबे की दावेदारी इसलिए मजबूत लग रही है क्योंकि तकरीबन 20-25 ऐसे कांग्रेसी जिन्होंने आवेदन दिया है लेकिन अपने आवेदन में यह लिखा है कि यदि आनंद बिहारी दुबे को अध्यक्ष बनाया जा रहा है तो उनकी दावेदारी रद्द कर दी जाए और यदि आनंद बिहारी दुबे अध्यक्ष नहीं बनते हैं तो वे भी दावेदार है।

बहरहाल स्थिति में जानकार सूत्रों का कहना है कि उनके आवेदन पहले ही रद्द हो जाएंगे।आनंद बिहारी दुबे का कार्यकाल बेहतर होने के दावा करते हुए उन्होंने दोबारा अध्यक्ष पद की दावेदारी कर दी है।

लेकिन उनके दावेदारी पर यह बात भारी पड़ रही है कि उनके कार्यकाल के दौरान जिला के कई वरिष्ठ कांग्रेसी नेता जो कथित रूप से हासिए पर चल रहे हैं। एकाध ने तो पार्टी ही छोड़ दी है। कई उनके कार्यक्रमों में हिस्सा नहीं ले रहे हैं। कुछ खास ही कार्यकर्ता बार-बार उनके कार्यक्रमों में दिखाई दे रहे हैं।

वहीं दूसरी ओर पोटका में पहले ही आनंद बिहारी दुबे के खिलाफ बगावत का बिगुल कई कांग्रेसियों ने फूंक रखा है। कांग्रेस झारखंड प्रभारी के राजू और प्रदेश अध्यक्ष केशव महतो कमलेश के आगमन को लेकर जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे द्वारा हाता में किसान प्रकोष्ठ कांग्रेस के साथ बैठक कर चले जाने के बाद तो बवाल ही हो गया है। कांग्रेस के प्रखंड अध्यक्ष सौरभ चटर्जी और उपाध्यक्ष उदय मुर्मू ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जिला अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाते हुए हमला बोलते हुए कहा कि जिला अध्यक्ष द्वारा पोटका कांग्रेस कमेटी को तोड़ने के लिए गुटबाजी कर रहे हैं।कांग्रेस कमेटी द्वारा पोटका मैदान में एक बैठक आयोजित की गई थी जो 30 अगस्त को होने वाले कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी जुटे थे। कांग्रेस पार्टी के पोटका कमेटी द्वारा कांग्रेस में गुटबाजी एवं गलत मानसिकता का जिला अध्यक्ष पर आरोप लगाया कहा कि प्रखंड कमेटी किसान, मजदूर और बेरोजगारों के हित की लड़ाई लड़ता रहा है और पंचायत से लेकर बूथ कमेटी का गठन कांग्रेस कि मूल कमेटी द्वारा किया जा रहा है

कांग्रेस कमेटी को लोकसभा से लेकर विधानसभा तक पार्टी के कार्यकर्ताओं को जिला अध्यक्ष द्वारा दरकिनार किया गया है। यह कांग्रेस पार्टी को तोड़ने की एक साजिश है।जिला अध्यक्ष के द्वारा किए गए कार्यों को लेकर पार्टी हाई कमान तक मामले को पहुंचाकर अपनी बातों को रखा जाएगा।

इसके अलावा रेस में पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस महानगर कार्यकारी अध्यक्ष धर्मेंद्र सोनकर भी रेस में शामिल है और उनकी भी दावेदारी तेज मानी जा रही है इसका कारण यह बताया जा रहा है कि पहले से ही वर्तमान जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे से खफा कांग्रेसी धर्मेंद्र सोनकर से मिल रहे हैं। इसके अलावा धर्मेंद्र सोनकर को रजक समाज मारवाड़ी समाज और हरिजन समाज से भी हरी झंडी मिल गई है।

सूत्रों का कहना है कि इन तीनों समाज ने धर्मेंद्र सोनकर को अध्यक्ष बनाए जाने के लिए समर्थन पत्र पर्यवेक्षक अनंत पटेल को सौंप दिया है। जिसके कारण इनकी भी दावेदारी मजबूत दिख रही है।

इसके अलावा जंग के मैदान में वरिष्ठ कांग्रेसी नेता मनोज कुमार सिंह भी कूद गए हैं। जिससे त्रिकोणीय टक्कर का मुकाबला अध्यक्ष पद के लिए लग रहा है।झारखंड प्रदेश इंटक के सयुक्त सचिव सह टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन के कमेटी मेम्बर श्मनोज कुमार सिंह ने 5 सितंबर को पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए दावेदारी फॉर्म गुजरात से कांग्रेस विधायक सह ज़िला कांग्रेस पर्यवेक्षक अनंत पटेल , झारखंड सरकार के मंत्री श्री राधाकृष्णन और बलजीत बेदी को दिया ।

श्री मनोज कुमार सिंह 1990 में अपनी राजनीति पारी कांग्रेस से शुरू की , और लगातार यूथ कांग्रेस से होते हुए इंटक, ज़िला कांग्रेस , प्रदेश कांग्रेस में अपनी जगह बनाई ।
मनोज सिंह झारखंड प्रदेश यूथ कांग्रेस में महासचिव के पद पर रहें , उसके बाद ज़िला कांग्रेस कमेटी में महामंत्री, उपाध्यक्ष और प्रवक्ता के पद पर अपनी सेवा पार्टी और जनता को दी ।
2019 में पार्टी ने उन्हें चाईबासा लोकसभा सीट का प्रभारी बनाया था जहाँ उन्होंने अपनी मेहनत से मोदी लहर में एक सीट कांग्रेस को निकालने में मदद की।
जितने भी चुनाव हुए जमशेदपुर में चाहे वो लोकसभा हो , विधानसभा हो उसमे मनोज कुमार सिंह और उनके समर्थकों ने तन , मन और धन से पार्टी को जीताने का प्रयास किया ।
मनोज कुमार सिंह वर्तमान में झारखंड प्रदेश इंटक के सयुक्त सचिव हैं और टाटा मोटर्स वर्कर्स यूनियन में कमिटी मेम्बर हैं। बता दें कि श्री सिंह पिछले 5 बार से यूनियन का चुनाव जीतते हुए आ रहें है ।

श्री सिंह लगातार पार्टी को मज़बूत करते आ रहे है चाहे वो और लोगो को पार्टी से जोड़ कर हो या कांग्रेस की विचारधारा को लोगो की बीच मज़बूती से रखनी हो ।
इसी बीच विरोधी पार्टियों और पूर्व की भाजपा सरकारों ने मनोज सिंह के ख़िलाफ़ कई मुक़दमे दर्ज किए लेकिन वो डरे नहीं पार्टी का झंडा उठाते चलते रहें ।
आज जब ज़िला अध्यक्ष की दावेदारी चल रही है तो मनोज कुमार सिंह ने भी आगे आकर अपनी दावेदारी पूर्वी सिंहभूम के पर्यवेक्षक क्रांतिकारी विधायक श्री अनंत पटेल के सामने पेश की ।
सूत्रों का कहना है कि जमशेदपुर के लोग और श्री सिंह के समर्थक काफ़ी उत्साहित नज़र आ रहें हैं। जिसके कारण इनकी भी दावेदारी काफी मजबूत मानी जा रही है।

जबकि वर्तमान जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे के कार्यकाल में पार्टी के कांग्रेस जिला सचिव भरत सिंह जैसे वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़ चुके हैं और कई लोग अलग-अलग पड़े हुए हैं। कुछ गिने चुने लोगों को ही जिला अध्यक्ष के साथ विभिन्न कार्यक्रमों में देखे जाने का आरोप लग रहा है। जिसमें खास गुट को ही अहमियत दी जा रही है। इसके पूर्व कांग्रेस जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे पर पिछले लोकसभा विधानसभा चुनाव में कई गंभीर आरोप लग चुके हैं और यह बात पार्टी के राष्ट्रीय आला कमान से लेकर प्रदेश स्तर तक चली गई है।

बता दें कि कांग्रेस के एक वरिष्ठ पुराने नेता भरत सिंह कांग्रेस छोड़ चुके हैं और झारखंड क्रांतिकारी लिबरेशन मोर्चा जयराम महतो के साथ फिलहाल चल रहे हैं।

इसके अलावा खबर है कि कई और वरिष्ठ नेता पार्टी के कार्यक्रमों में पहुंच नहीं रहे हैं या बुलाए नहीं जा रहे हैं। जिसमें मुख्य रूप से चंदन यादव, अंकुश बनर्जी राजा ओझा आरटीआई सेल के कमलेश कुमार और ऐसे ही कई नेता हैं।जो जिला अध्यक्ष या कांग्रेस के कार्यक्रमों में दिखाई नहीं दे रहे हैं। जिससे यह सवाल उठ रहा है।

जिसके कारण चर्चा है कि सांगठनिक फेरबदल की पुरजोर संभावना है कि पूर्वी सिंहभूम जिला अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे को भी हटाया जा सकता है। हालांकि चर्चा है कि आनंद बिहारी दुबे पिछले कुछ दिनों से कुछ ज्यादा ही एक्टिव नजर आ रहे हैं और विभिन्न क्षेत्रों का दौरा और जन समस्याओं को उठाने का प्रयास कर रहे हैं लेकिन उनके कार्यक्रमों में कुछ गिने चुने कांग्रेसियों के मौजूद रहने से सवालिया निशान लग रहा है और उनके फिर से पद पर कायम रहने पर संकट मंडरा रहा है।

बहरहाल अध्यक्ष पद के लिए त्रिकोणीय संघर्ष नजर आ रहा है जिसमें मुख्य रूप से वर्तमान अध्यक्ष आनंद बिहारी दुबे पूर्वी सिंहभूम जिला कांग्रेस महानगर अध्यक्ष धर्मेंद्र सोनकर और झारखंड इंटक के संयुक्त सचिव मनोज कुमार सिंह के बीच कांटे की टक्कर नजर आ रही है। जिस पर सभी की नजरे हैं। अब देखना है की किसे अध्यक्ष बनाया जा रहा है।

Satish Sinha

मैं सतीश सिन्हा, बीते 38 वर्षों से सक्रिय पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़ा हूँ। इस दौरान मैंने कई अखबारों और समाचार चैनलों में रिपोर्टर के रूप में कार्य करते हुए न केवल खबरों को पाठकों और दर्शकों तक पहुँचाने का कार्य किया, बल्कि समाज की समस्याओं, आम जनता की आवाज़ और प्रशासनिक व्यवस्थाओं की वास्तविक तस्वीर को इमानदारी से उजागर करने का प्रयास भी निरंतर करता रहा हूँ। पिछले तकरीबन 6 वर्षों से मैं 'झारखंड वार्ता' से जुड़ा हूँ और क्षेत्रीय से जिले की हर छोटी-बड़ी घटनाओं की सटीक व निष्पक्ष रिपोर्टिंग के माध्यम से पत्रकारिता को नई ऊँचाइयों तक ले जाने का प्रयास कर रहा हूँ।

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