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Chandra Grahan 2025: कल लगेगा साल का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण, जानें सूतक काल की टाइमिंग

On: September 6, 2025 2:57 PM
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Chandra Grahan 2025: साल 2025 का दूसरा और आखिरी पूर्ण चंद्रग्रहण रविवार, 7 सितंबर 2025 को लगने जा रहा है। यह ग्रहण भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा की रात दिखाई देगा। खगोल विज्ञान की दृष्टि से यह बेहद खास घटना होगी, क्योंकि इस दौरान चंद्रमा पूरी तरह से पृथ्वी की प्रच्छाया में छिप जाएगा।

चंद्रमा क्यों दिखेगा लाल?

पूर्ण चंद्रग्रहण के समय जब सूर्य की किरणें पृथ्वी के वातावरण से टकराकर गुजरती हैं, तो वे मुड़कर चंद्रमा तक पहुंचती हैं। इस प्रक्रिया में वातावरण नीली रोशनी को अवशोषित कर लेता है और लाल रंग की किरणें चंद्रमा तक पहुंचती हैं। इसी कारण ग्रहण के दौरान चंद्रमा लालिमा लिए हुए दिखाई देता है, जिसे आमतौर पर ब्लड मून कहा जाता है।

ग्रहण की अवधि

इस खग्रास चंद्रग्रहण की कुल अवधि 1 घंटा 21 मिनट 27 सेकंड की होगी। जबकि संपूर्ण ग्रहण यानी उपच्छाया से लेकर अंत तक इसकी अवधि 5 घंटे 24 मिनट 37 सेकंड मानी जा रही है।

भारत में ग्रहण का समय (नई दिल्ली के अनुसार)

उपच्छाया से पहला स्पर्श: रात 8 बजकर 59 मिनट

प्रच्छाया से पहला स्पर्श: रात 9 बजकर 58 मिनट

खग्रास (पूर्ण ग्रहण) की शुरुआत: रात 11 बजकर 01 मिनट

परमग्रास (मध्य ग्रहण): रात 11 बजकर 42 मिनट

खग्रास समाप्त: रात 12 बजकर 22 मिनट

प्रच्छाया से अंतिम स्पर्श: रात 1 बजकर 26 मिनट

उपच्छाया से अंतिम स्पर्श: रात 2 बजकर 24 मिनट


ग्रहण की विभिन्न अवधियां

पूर्ण चंद्रग्रहण (खग्रास): 1 घंटा 21 मिनट 27 सेकंड

आंशिक चंद्रग्रहण (खण्डग्रास): 3 घंटे 28 मिनट 02 सेकंड

उपच्छाया काल: 5 घंटे 24 मिनट 37 सेकंड

चंद्र ग्रहण के सूतक काल की टाइमिंग

7 सितंबर को पूर्ण चंद्र ग्रहण चूंकि रात 9 बजकर 58 मिनट पर लग रहा है इसलिए इसका सूतक काल 9 घंटे पहले यानी की दोपहर 12 बजकर 57 मिनट से लग जाएगा।

इस दौरान देशभर के मंदिरों के पट बंद हो जाएंगे। ग्रहण काल में मंत्र-जाप, ध्यान, भजन-कीर्तन और दान-पुण्य करना अत्यंत शुभ माना जाता है। ग्रहण समाप्ति के बाद स्नान करके भगवान विष्णु व चंद्रमा की पूजा, तथा जरूरतमंदों को अन्न, वस्त्र, धातु, रत्न और फल का दान करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है।

गर्भवती महिलाओं के लिए विशेष सावधानी

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार गर्भवती महिलाओं को ग्रहण काल में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।

नुकीली वस्तुओं का प्रयोग न करें।

ग्रहण को सीधे आंखों से न देखें।

भोजन में तुलसी का सेवन करना शुभ होता है।


किन राशियों पर पड़ेगा असर

इस बार का पूर्ण चंद्र ग्रहण कुंभ राशि में लग रहा है।

कुंभ, मीन, मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, वृश्चिक और मकर राशि के जातकों को यह ग्रहण प्रतिकूल फल देने वाला माना गया है।

वहीं मेष, वृषभ, कन्या और धनु राशि के लिए यह लाभकारी रहेगा।


देशभर में दिखेगा ग्रहण

यह पूर्ण चंद्र ग्रहण भारत के अधिकांश हिस्सों में स्पष्ट रूप से दिखाई देगा। दिल्ली, चंडीगढ़, जयपुर, लखनऊ, मुंबई, अहमदाबाद, पुणे, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, कोच्चि, कोलकाता, भुवनेश्वर, गुवाहाटी, भोपाल, नागपुर और रायपुर सहित लगभग सभी बड़े शहरों में लोग इसे देख सकेंगे। साथ ही यह चंद्रग्रहण एशिया, पूर्वी अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और यूरोप के अधिकांश भागों से देखा जा सकता है। साथ ही सिंगापुर, सिडनी, मेलबर्न, दुबई, लन्दन, टोक्यो और केप टाउन कुछ लोकप्रिय शहर हैं, जहां पूर्ण चन्द्र ग्रहण दिखाई देगा। यह चंद्रग्रहण उत्तरी अमेरिका और दक्षिणी अमेरिका के अधिकांश भागों से दिखायी नहीं देगा।

आस्था और खगोल विज्ञान का संगम

यह खगोलीय घटना जहां वैज्ञानिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है, वहीं श्रद्धालुओं और ज्योतिष प्रेमियों के लिए आस्था से जुड़ा विषय भी है। पूर्ण चंद्र ग्रहण और ब्लड मून का यह अद्भुत नजारा भारत समेत पूरी दुनिया में लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहेगा।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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