नई दिल्ली : 2017 में लागू हुए GST ने भारत में अप्रत्यक्ष कर प्रणाली को एकीकृत किया। आठ साल बाद, अब GST 2.0 नामक एक बड़ा सुधार आया है जिससे इस प्रणाली को और अधिक सुलभ, पारदर्शी और विकास-उन्मुख बनाया जा सके। केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में 3 सितंबर 2025 को जीएसटी परिषद की 56वीं बैठक में ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए अगली पीढ़ी के जीएसटी सुधारों को मंजूरी दी गई। इन सुधारों का लक्ष्य है, आम आदमी के जीवन में सुधार, छोटे व्यापारियों के लिए सुगमता, एमएसएमई की मजबूती और भारत की दीर्घकालिक आर्थिक वृद्धि को गति देना। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने संबोधन में घोषणा की थी कि यह सुधार आम आदमी पर कर का बोझ कम करेंगे और “दिवाली का तोहफा” साबित होंगे।
सुधारों की मुख्य विशेषताएं
1 सरलीकृत कर संरचना
दो-स्लैब व्यवस्था: 5% और 18%
12% और 28% की दरें हटाई गईं।
लक्ज़री और हानिकारक उत्पादों (पान मसाला, तंबाकू, महंगी कार, एरेटेड ड्रिंक्स, निजी विमान आदि) पर 40% जीएसटी जारी रहेगा।
- आवश्यक और रोज़मर्रा की वस्तुएं
पैकेज्ड खाद्य पदार्थ, नमकीन, भुजिया, पास्ता, सॉस, कॉफी, चॉकलेट आदि पर कर घटाकर 5%।
साबुन, शैंपू, टूथब्रश, टूथपेस्ट, टेबलवेयर और साइकिल पर 5%।
दूध (UHT), पनीर और छेना जैसे उत्पादों पर 0% जीएसटी।
- कंज्यूमर ड्यूरेबल्स
टीवी (32 इंच से बड़े), एसी और डिशवॉशर पर कर घटाकर 18%।
- हाउसिंग और निर्माण सामग्री
सीमेंट: 28% → 18%।
ग्रेनाइट, संगमरमर ब्लॉक और रेत-चूना ईंटें: 12% → 5%।
लकड़ी पैलेट और बांस फर्श सामग्री: 12% → 5%।
- ऑटोमोबाइल सेक्टर
छोटी कारें, दोपहिया ≤ 350cc: 28% → 18%।
बस, ट्रक, तिपहिया और ऑटो पार्ट्स: 28% → 18%।
- कृषि और किसान
ट्रैक्टर: 12% → 5%।
टायर व पुर्जे: 18% → 5%।
हार्वेस्टर, थ्रेशर, ड्रिप सिंचाई, पोल्ट्री/मधुमक्खी पालन मशीन: 12% → 5%।
जैव-कीटनाशक व प्राकृतिक मेन्थॉल: 12% → 5%।
- सेवा क्षेत्र
होटल (₹7,500/दिन तक): 12% → 5%।
जिम, सैलून, नाई और योग सेवाएं: 18% → 5%।
- वस्त्र उद्योग
मानव निर्मित फाइबर: 18% → 5%।
यार्न: 12% → 5%।
- हस्तशिल्प और कला
मूर्तियां, प्रतिमाएं और पेंटिंग: 12% → 5%।
- शिक्षा क्षेत्र
अभ्यास पुस्तिकाएं, पेंसिल, इरेज़र, क्रेयॉन, शार्पनर: 0% जीएसटी।
- स्वास्थ्य सेवा
33 जीवनरक्षक दवाएं और डायग्नोस्टिक किट: 12% → 0%
सरलीकृत जीएसटी संरचना को अपनाना और दरों में व्यापक कटौती भारत की कर यात्रा में एक नया अध्याय है। नागरिकों के लिए वहनीयता, व्यवसायों के लिए प्रतिस्पर्धा और अनुपालन में पारदर्शिता पर ध्यान केंद्रित करके, ये सुधार जीएसटी को न केवल एक कर प्रणाली, बल्कि समावेशी समृद्धि और आर्थिक रूपांतरण के लिए उत्प्रेरक भी बनाते हैं। 22 सितंबर 2025 से प्रभावी, ये सुधार एक सरल, निष्पक्ष और विकास-उन्मुख जीएसटी संरचना के निर्माण के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हैं, जिससे लोगों के लिए जीवन में सुगमता और उद्यमों के लिए व्यापार करने में आसानी दोनों सुनिश्चित होते हैं।