रामगढ़: कोयला चोरी और अवैध कारोबार पर नकेल कसते हुए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने रामगढ़ जिले के गिद्दी कोल परियोजना में बड़ी कार्रवाई की है। इस कार्रवाई में सीबीआई ने सीसीएल (सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड) के तीन पदाधिकारियों सहित सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार आरोपी
अनिल कुमार – मैनेजर माइनिंग सिक्योरिटी अफसर, गिद्दी, सीसीएल
दीपक कुमार – क्लर्क ग्रेड-III, सीसीएल गिद्दी कोलियरी
नरेश कुमार – सुरक्षा प्रहरी, सीसीएल गिद्दी
मो. सद्दाम, इजराइल अंसारी, मो. तबारक, अरूण लाल (सभी निजी व्यक्ति)
विशेष अदालत में होगी पेशी
सीबीआई ने सभी आरोपियों को बुधवार को विशेष सीबीआई अदालत में पेश करने की तैयारी की है। इसके साथ ही आरोपियों से गहन पूछताछ के लिए रिमांड पर लेने का आवेदन भी दायर किया जाएगा।
26-27 फरवरी 2025 को सीसीएल गिद्दी-सी कोलियरी प्रोजेक्ट कार्यालय में सीबीआई और सीसीएल की सतर्कता टीम ने संयुक्त औचक निरीक्षण किया था। इस दौरान अवैध कोयला हेराफेरी और रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप सामने आए।
जांच में अधिकारियों के मोबाइल फोन से संदिग्ध लेनदेन और व्हाट्सएप चैट के साक्ष्य मिले। सीबीआई ने इस आधार पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत नियमित मामला दर्ज किया।
रिश्वतखोरी और लेनदेन का खुलासा
अनिल कुमार (मैनेजर माइनिंग सिक्योरिटी अफसर) के मोबाइल से 13,07,110 रुपये के संदिग्ध लेनदेन के साक्ष्य मिले। इनमें से—
मो. सद्दाम से – 2,79,410 रुपये
इजराइल अंसारी से – 50,000 रुपये
अजय कुमार दास से – 9,54,700 रुपये
मो. तबारक से – 20,000 रुपये
अरूण लाल से – 3,000 रुपये लिए गए थे।
दीपक कुमार (क्लर्क ग्रेड-III) के मोबाइल से 90,860 रुपये का लेनदेन कोयला चोर अजय कुमार दास के साथ मिला।
नरेश कुमार (सुरक्षा प्रहरी) के फोन से 4,16,400 रुपये के लेनदेन के साक्ष्य मिले। उन्होंने अजय कुमार दास से – 1,51,900 रुपये और इजराइल अंसारी से – 2,64,500 रुपये लिए थे।
सीबीआई ने सभी आरोपियों के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की धारा 61(2) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 7, 7ए, 8, 11 और 12 के तहत केस दर्ज किया है।
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