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Vishwakarma Puja 2025: विश्वकर्मा पूजा आज, जानें पूजा विधि, शुभ मुहूर्त और महत्व

On: September 17, 2025 8:44 AM
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Vishwakarma Puja 2025: हिंदू धर्म में भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का प्रथम शिल्पकार, अभियंता और वास्तुकार माना जाता है। उन्हें देवताओं के दिव्य भवनों, रथों और अस्त्र-शस्त्रों का निर्माता कहा जाता है। हर साल भाद्रपद माह के अंत में जब सूर्य कन्या राशि में प्रवेश करते हैं, तब विश्वकर्मा जयंती एवं पूजा का आयोजन होता है। यह पर्व खासतौर पर कर्मचारियों, कारीगरों, तकनीशियनों और उद्योग जगत से जुड़े लोगों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होता है।

पूजा का शुभ मुहूर्त

पंडितों के अनुसार, इस वर्ष विश्वकर्मा पूजा के लिए शुभ समय सुबह 8:15 बजे से दोपहर 12:50 बजे तक रहेगा। इस अवधि में पूजा करने से कार्यों में सफलता और समृद्धि प्राप्त होती है।

भगवान विश्वकर्मा का महत्व

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान विश्वकर्मा ने सृष्टि का पहला नक्शा तैयार किया था। उन्हीं के द्वारा स्वर्गलोक, यमपुरी, कुबेर की अलका पुरी, द्वारका नगरी और सोने की लंका नगरी का निर्माण किया गया था। यही नहीं, उन्होंने भगवान विष्णु का सुदर्शन चक्र, भगवान शिव का त्रिशूल और इंद्र का वज्र सहित अनेक दिव्य अस्त्र-शस्त्र बनाए। देवालयों, महलों और रथों के निर्माण में भी उनका योगदान अतुलनीय है।

पूजा सामग्री

विश्वकर्मा पूजा के लिए प्रचलित सामग्री में भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या तस्वीर, लाल या पीले रंग का वस्त्र, लकड़ी की चौकी, धूप-दीप, चंदन, फूल, माला, अक्षत, पंचामृत, नैवेद्य, मौसमी फल, मिठाई, नारियल, पान के पत्ते, सुपारी, इलायची, लौंग, आम के पत्ते, हवन सामग्री, नया बहीखाता, कलम-दवात और तिजोरी शामिल होती है।

पूजा विधि

1. प्रात: स्नान कर फैक्ट्री, दुकान, वाहन, मशीनों और औजारों की साफ-सफाई करें।


2. शुभ मुहूर्त में चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर भगवान विश्वकर्मा की मूर्ति या फोटो स्थापित करें।


3. धूप, दीप, अक्षत, फूल और माला अर्पित कर भगवान विश्वकर्मा का पूजन करें।


4. नैवेद्य और भोग चढ़ाते हुए उनके मंत्रों का उच्चारण करें।


5. तिजोरी, औजार, मशीनें, कलम-दवात और खाताबही की पूजा कर तिलक लगाएं।


6. पूजा के उपरांत हवन करें और भगवान विश्वकर्मा से अपने कार्यक्षेत्र में उन्नति व सफलता की प्रार्थना करें।


7. अंत में आरती कर प्रसाद का वितरण करें।

औद्योगिक और सामाजिक महत्व

इस दिन देशभर के कारखानों, वर्कशॉप्स और दफ्तरों में विशेष पूजा का आयोजन होता है। कारीगर और मजदूर अपने औजारों को साफ करके उन्हें पवित्र मानकर पूजते हैं। मान्यता है कि ऐसा करने से कामकाज में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और कार्यक्षेत्र में प्रगति मिलती है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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