नारायणपुर: छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले के घने अबूझमाड़ इलाके में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच सोमवार को हुई मुठभेड़ में नक्सलियों को एक और बड़ा झटका लगा है। इस मुठभेड़ में नक्सली संगठन की केंद्रीय समिति का सदस्य और शीर्ष नेता कोसा तथा वांछित नक्सली राजू उर्फ विकल्प मारे गए।
दोनों लंबे समय से सुरक्षा एजेंसियों की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल थे। कोसा पर 1 करोड़ रुपये और राजू उर्फ विकल्प पर 70 लाख रुपये का इनाम घोषित था। कोसा नक्सली संगठन की कई बड़ी घटनाओं का मास्टरमाइंड माना जाता था, जबकि विकल्प संगठन की रणनीति और संचालन में अहम भूमिका निभाता था।
कैसे हुई मुठभेड़
सुरक्षा एजेंसियों को अबूझमाड़ क्षेत्र में नक्सलियों की मौजूदगी की खुफिया सूचना मिली थी। इसके बाद सुरक्षाबलों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया। तलाशी के दौरान नक्सलियों ने जवानों पर गोलीबारी की। जवाबी कार्रवाई में हुई मुठभेड़ में दोनों शीर्ष नक्सली ढेर हो गए।
घटनास्थल से सुरक्षाबलों ने AK-47 राइफल, विस्फोटक सामग्री, भारी मात्रा में नक्सली साहित्य और अन्य सामान बरामद किया है। एसपी डॉ. जितेंद्र यादव ने बताया कि इस सफलता से नक्सल संगठन की रणनीतिक क्षमता को गहरा धक्का लगा है।
नक्सल अभियान की अब तक की उपलब्धियां
पिछले एक साल से राज्य में नक्सल विरोधी अभियान लगातार तेज किया गया है।
अब तक 36 नए सुरक्षा कैंप स्थापित किए जा चुके हैं।
496 माओवादी आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
193 नक्सली मारे गए और करीब 900 गिरफ्तार किए गए हैं।
अधिकारियों के अनुसार, सिर्फ इसी साल छत्तीसगढ़ में हुई मुठभेड़ों में 248 नक्सली ढेर हो चुके हैं। इनमें से 219 बस्तर संभाग के सात जिलों में मारे गए हैं। वहीं रायपुर संभाग के गरियाबंद जिले में 27 नक्सली, और दुर्ग संभाग के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में 2 नक्सली सुरक्षाबलों के हाथों मारे गए।
2026 तक नक्सलवाद मुक्त छत्तीसगढ़ का लक्ष्य
सरकार और सुरक्षा एजेंसियों ने मार्च 2026 तक नक्सलवाद के पूरी तरह सफाए का लक्ष्य रखा है। अब इस लक्ष्य तक केवल सात महीने बचे हैं। अधिकारियों का मानना है कि कोसा और विकल्प जैसे बड़े नेताओं के मारे जाने से नक्सली संगठन का ढांचा और कमजोर होगा, जिससे अभियान की रफ्तार और तेज की जा सकेगी।













