रांची: झारखंड सरकार ने स्कूलों और उच्च शिक्षण संस्थानों को तंबाकू मुक्त बनाने के लिए सख्त कदम उठाए हैं। अब अगर किसी शिक्षक या कर्मचारी को स्कूल-कॉलेज परिसर में सिगरेट, बीड़ी पीते या गुटखा-पान मसाला खाते पकड़ा गया तो 200 रुपये का जुर्माना देना होगा। यही नियम छात्रों पर भी लागू होगा।
तंबाकू मुक्त संस्थान का टैग अनिवार्य
राज्य के सभी शिक्षण संस्थानों को ‘तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान’ का टैग लगाना होगा। साथ ही, परिसर के मुख्य द्वार और प्रमुख जगहों पर “यहां धूम्रपान करना अपराध है” और “गैर धूम्रपान क्षेत्र” जैसे बैनर लगाने अनिवार्य होंगे।
बनेगी तंबाकू नियंत्रण समिति
प्रत्येक शिक्षण संस्थान में तंबाकू नियंत्रण समिति का गठन किया जाएगा। इसमें शिक्षक, छात्र, स्थानीय जनप्रतिनिधि और अभिभावक संघ के प्रतिनिधि शामिल होंगे।
इसके अलावा स्टाफ, शिक्षक या छात्रों में से कुछ को टोबैको मॉनिटर नामित किया जाएगा। अगर किसी विद्यार्थी को मॉनिटर बनाया जाता है तो वह 9वीं से 12वीं कक्षा का होना चाहिए और स्वयं तंबाकू सेवन करने वाला नहीं होना चाहिए।
इन मॉनिटरों के नाम, पदनाम और फोन नंबर स्कूल- कॉलेज परिसर के प्रमुख स्थानों पर अंकित किए जाएंगे।
परिसर में तंबाकू का कोई निशान मिला तो मानी जाएगी गलती
संस्थान परिसर में तंबाकू उत्पादों के सेवन की पूरी तरह मनाही रहेगी। अगर परिसर में गुटखा या सिगरेट का अवशेष मिलता है, तो इसे नियम उल्लंघन माना जाएगा। संस्थान की जिम्मेदारी होगी कि परिसर पूरी तरह स्वच्छ रखा जाए।
यूजीसी के दिशा-निर्देश और राष्ट्रीय अभियान से जुड़ाव
इस पहल को स्वच्छता ही सेवा (एसएचएस-2025) अभियान से भी जोड़ा गया है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने देशभर के सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
अभियान 17 सितंबर से शुरू होकर 1 अक्तूबर तक चलेगा, जबकि 2 अक्तूबर को स्वच्छ भारत दिवस के रूप में इसका समापन होगा। इस वर्ष अभियान का मुख्य विषय “स्वच्छोत्सव” रखा गया है।
अभियान के दौरान कई कार्यक्रम होंगे, जिनमें शामिल हैं—
सफाई अभियान और परिसर स्वच्छता
वेस्ट-टू-आर्ट और क्लीन ग्रीन उत्सव
शून्य-अपशिष्ट प्रथाएं (Zero Waste Practices)
स्वच्छ सुजल गांव और क्लीन स्ट्रीट फूड पहल
25 सितंबर को विशेष श्रमदान कार्यक्रम: एक दिन, एक घंटा, एक साथ
इसके अलावा, सभी संस्थानों को अपनी गतिविधियों की रिपोर्ट स्वच्छता ही सेवा पोर्टल (https://swachhatahiseva.gov.in) पर अपलोड करनी होगी। साथ ही प्रत्येक संस्थान को एक वरिष्ठ अधिकारी को नोडल अधिकारी नियुक्त करना होगा, जो इन गतिविधियों की निगरानी और समन्वय करेंगे।
व्यापक संदेश
सरकार चाहती है कि इस अभियान को केवल संस्थानों तक सीमित न रखकर इसे समाज तक भी फैलाया जाए। इसलिए आपदा प्रभावित क्षेत्रों में स्वच्छता और स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों को राहत एवं पुनर्वास कार्यों के साथ जोड़ा जाएगा, ताकि स्वच्छ जल, स्वच्छ परिसर और तंदुरुस्त जीवनशैली का संदेश व्यापक रूप से प्रसारित हो।
सावधान! स्कूल या कॉलेज में तंबाकू खाने वालों की अब खैर नहीं, पकड़े जाने पर देना होगा इतना जुर्माना












