भारत सरकार ने प्राचीन और लोकप्रिय लोकआस्था के पर्व “छठ महापर्व” को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर (Intangible Cultural Heritage) की प्रतिनिधि सूची में शामिल करने के लिए बहुराष्ट्रीय नामांकन (Multinational Nomination) की प्रक्रिया शुरू की है। संस्कृति मंत्रालय ने इस दिशा में पहल करते हुए उन देशों के साथ परामर्श बैठकें आयोजित की हैं, जहाँ भारतीय प्रवासी समुदाय बड़े पैमाने पर छठ पर्व मनाता है। इनमें मॉरीशस, फिजी, सुरिनाम, संयुक्त अरब अमीरात (UAE) और नीदरलैंड प्रमुख हैं।
छठ महापर्व भारत का एक प्राचीन पर्व है जो सूर्य देव और छठी मइया की उपासना को समर्पित है। यह पर्व विशेष रूप से बिहार, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल में धूमधाम से मनाया जाता है। प्रवासी भारतीय समुदाय भी इसे विदेशों में पारंपरिक रूप से मनाते हैं। इस पर्व की विशेषता इसकी सादगी, पर्यावरणीय संतुलन, सामुदायिक भागीदारी और समानता के भाव में निहित है।
यूनेस्को सूची में शामिल होने से छठ पर्व को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी और इसके संरक्षण एवं संवर्धन को बल मिलेगा। इस प्रक्रिया के तहत भारत सरकार को विभिन्न देशों से दस्तावेज़, वीडियो, और स्थानीय समुदायों की सहमति एकत्र करनी होगी ताकि यूनेस्को के मानकों को पूरा किया जा सके।
संस्कृति मंत्रालय और संगीत नाटक अकादमी मिलकर नामांकन दस्तावेज तैयार कर रहे हैं, जिसका लक्ष्य 2026-27 की यूनेस्को नामांकन प्रक्रिया में इसे प्रस्तुत करना है।
यदि छठ महापर्व को यह मान्यता मिलती है, तो यह न केवल भारतीय परंपरा की वैश्विक पहचान को सशक्त करेगा, बल्कि प्रवासी भारतीयों की सांस्कृतिक जड़ों को भी और मजबूत करेगा।
छठ महापर्व को यूनेस्को की अमूर्त सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल करने की दिशा में भारत की पहल

By NitikaSingh
On: September 28, 2025 12:47 PM

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