---Advertisement---

PoK में भड़का जनाक्रोश: मुजफ्फराबाद में हिंसक प्रदर्शन, 2 की मौत; 22 घायल

On: September 29, 2025 8:40 PM
---Advertisement---

मुजफ्फराबाद: गुलाम जम्मू-कश्मीर (पीओके) के मुजफ्फराबाद में सोमवार (29 सितंबर) को पाकिस्तान सरकार के खिलाफ जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुआ। अवामी एक्शन कमेटी (AAC) के नेतृत्व में हुए इस आंदोलन में हजारों लोग सड़कों पर उतरे और सरकार की नीतियों पर जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शन के दौरान हालात बिगड़ गए और पुलिस-प्रदर्शनकारियों की झड़प में दो लोगों की मौत हो गई, जबकि 22 लोग घायल हो गए।

क्यों भड़का गुस्सा?

स्थानीय लोगों का आरोप है कि पाकिस्तान सरकार उन्हें दशकों से नजरअंदाज कर रही है। राजनीतिक उपेक्षा, मानवाधिकार उल्लंघन और ‘दूसरे दर्जे के नागरिक’ जैसा व्यवहार झेलते-झेलते लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। स्थिति तब और गंभीर हो गई जब पाकिस्तानी सुरक्षाबलों ने निहत्थे नागरिकों पर गोलियां चलाईं।

भीड़ ने सरकार पर महंगाई, भ्रष्टाचार, संसाधनों की लूट और प्रतिनिधित्व की कमी को लेकर भी आक्रोश जताया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर पीओके की असल कमाई इस्लामाबाद को जाती है, जबकि वहां के स्थानीय नागरिक बुनियादी सुविधाओं से भी वंचित हैं।

38 सूत्रीय मांगें

AAC ने सरकार के सामने 38 मांगों की सूची रखी है। इनमें सबसे अहम है –

पीओके विधानसभा की 12 आरक्षित सीटों को खत्म करना, जो पाकिस्तान में रह रहे कश्मीरी शरणार्थियों के लिए रखी गई हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि इससे स्थानीय शासन कमजोर होता है और पाकिस्तान सरकार का अनावश्यक दखल बढ़ता है।

हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट्स का मुनाफा स्थानीय जनता को दिया जाए।

आटा और बिजली जैसी बुनियादी चीजों पर सब्सिडी उपलब्ध कराई जाए।


हालात बिगड़े, इंटरनेट बंद

प्रदर्शन के चलते पीओके के कई इलाकों में बाजार और दुकानें बंद रहे। इंटरनेट और मोबाइल सेवाएं लगातार दूसरे दिन ठप रहीं। AAC नेताओं ने चेतावनी दी है कि अगर मांगें पूरी नहीं की गईं तो आने वाले दिनों में और बड़ी रैलियां होंगी।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठा मुद्दा

गौरतलब है कि हाल ही में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) में भी इस मुद्दे को उठाया गया था। वहां बताया गया कि पाकिस्तान सरकार की नीतियों का खामियाजा पीओके के लोग झेल रहे हैं।

फिलहाल पीओके में हालात बेहद तनावपूर्ण हैं। जनता का आक्रोश लगातार बढ़ रहा है और आंदोलन तेज होता जा रहा है। AAC नेताओं ने साफ कहा है कि अब लोग अपने अधिकार लिए बिना पीछे हटने वाले नहीं हैं। इस जनआंदोलन ने पाकिस्तान सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

Join WhatsApp

Join Now