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2032 में चांद से टकरा सकता है बड़ा एस्टेरॉयड, बचाने के लिए न्यूक्लियर हमले की तैयारी कर रहा NASA

On: September 30, 2025 9:02 PM
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Asteroid 2024 YR4 might hit the moon: नासा ने चेतावनी जारी की है कि आने वाले वर्षों में पृथ्वी और चांद के लिए एक बड़ा खतरा मंडरा रहा है। नासा की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, Asteroid 2024 YR4 नाम का एक एस्टेरॉइड साल 2032 में धरती या चांद से टकरा सकता है। वैज्ञानिकों ने इस एस्टरॉइड को दिसंबर 2024 में खोजा था, और तब से ही इसे लेकर चिंताएं लगातार बढ़ रही हैं।

कितना बड़ा है यह एस्टेरॉइड?

विशेषज्ञों के मुताबिक, इस एस्टेरॉइड का साइज़ लगभग 53 से 67 मीटर तक है। यानी यह न तो बहुत छोटा है और न ही बहुत विशाल। नासा के अनुसार, इसके धरती या चांद से टकराने की संभावना करीब 3% है। भले ही यह प्रतिशत बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि इतने भी खतरे को नज़रअंदाज करना ठीक नहीं होगा।

खतरा सिर्फ धरती को ही नहीं

वैज्ञानिकों का मानना है कि 2024 YR4 सीधे पृथ्वी से टकराने की संभावना कम है, लेकिन यह चांद की सतह से टकरा सकता है। अगर ऐसा हुआ तो वहां लूनर इजेक्टा यानी धूल और छोटे पत्थरों की परत में हलचल होगी। इससे बने माइक्रोमीटियोरॉइड डेब्री धरती के निचले ऑर्बिट तक फैल सकते हैं। यह मलबा अंतरिक्ष में मौजूद स्पेसक्राफ्ट और एस्ट्रोनॉट्स के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है।

नासा के दो प्लान

इस संभावित खतरे से बचने के लिए नासा दो अलग-अलग प्लान पर काम कर रहा है।

1. एस्टेरॉइड का रास्ता बदलना


नासा “DART मिशन” जैसी तकनीक का इस्तेमाल कर सकता है। साल 2022 में इसी तरह एक स्पेसक्राफ्ट को तेज़ी से एस्टेरॉइड से टकराकर उसकी दिशा बदल दी गई थी।

2. एस्टेरॉइड को नष्ट करना


अगर पहला तरीका काम नहीं करता तो नासा के पास दूसरा और ज्यादा जोखिम भरा विकल्प है—न्यूक्लियर बम का इस्तेमाल। वैज्ञानिकों की योजना है कि जरूरत पड़ने पर एस्टरॉइड पर दो न्यूक्लियर बम गिराए जाएं। इनकी ताकत हिरोशिमा और नागासाकी पर गिराए गए बमों से 5 से 8 गुना ज्यादा होगी। पहला बम फेल होने की स्थिति में दूसरा बैकअप का काम करेगा।

इंसानियत के लिए बड़ी चुनौती

नासा का कहना है कि अभी खतरा सिर्फ अनुमानित है, लेकिन अगर Asteroid 2024 YR4 का रुख सच में धरती या चांद की ओर होता है, तो इन दोनों प्लान्स के जरिए इसे रोका जा सकता है। फिलहाल वैज्ञानिक लगातार इसकी कक्षा और गति पर नजर रखे हुए हैं।

आने वाले महीनों में यह साफ होगा कि यह मिशन कब शुरू किया जाएगा और इंसानियत इस खगोलीय चुनौती से सुरक्षित निकल पाएगी या नहीं।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

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