---Advertisement---

PoK में उबाल: पाकिस्तानी सेना की प्रदर्शनकारियों पर फायरिंग; 10 की मौत, 100 से ज्यादा घायल

On: October 1, 2025 7:35 PM
---Advertisement---

इस्लामाबाद/मुजफ्फराबाद: पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। हजारों लोग सरकार और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ सड़कों पर उतर आए हैं। विरोध प्रदर्शनों को दबाने के लिए सेना और सुरक्षा बलों ने बुधवार को धीरकोट (बाग जिला) में प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं। इसमें अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 100 से अधिक घायल बताए जा रहे हैं।

प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों में झड़प

जानकारी के मुताबिक, धीरकोट में सबसे ज्यादा 6 मौतें हुई हैं। वहीं कोहाला के पास ददयाल, मीरपुर, चमयाती और राजधानी मुजफ्फराबाद में दो-दो लोगों के मारे जाने की खबर है। कई इलाकों में सुरक्षा बलों और स्थानीय प्रदर्शनकारियों के बीच जबरदस्त झड़पें हुईं। गुस्साए लोगों ने दर्जनों पुलिसकर्मियों को पकड़ लिया, उनके हथियार छीन लिए और कई की पिटाई भी कर दी।

तीन बड़े शहरों में विरोध की लहर

अवामी एक्शन कमेटी (AAC) की अपील पर कोटली, रावलकोट और मुजफ्फराबाद जैसे बड़े शहरों में सोमवार से ही बाजार, दुकानें और सड़कें बंद हैं। हजारों लोग आजादी और “पाकिस्तानी सेना वापस जाओ” जैसे नारे लगा रहे हैं। माहौल को काबू करने के लिए सरकार ने भारी सुरक्षा बलों की तैनाती की है।

इंटरनेट बंद, पत्रकारों पर रोक

हालात को देखते हुए मंगलवार आधी रात से PoK में इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह बंद कर दी गई हैं। स्थानीय पत्रकारों का आरोप है कि उन्हें निष्पक्ष कवरेज करने से रोका जा रहा है। सरकार ने बाहरी पत्रकारों और टूरिस्ट की एंट्री पर भी पाबंदी लगा दी है। इससे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पाकिस्तान सरकार के इरादों पर सवाल उठ रहे हैं।

क्यों भड़की नाराज़गी?

PoK में यह पहली बार नहीं है जब लोग सड़कों पर उतरे हों।

2024: सस्ते आटे और बिजली की मांग को लेकर लोग हड़ताल पर गए थे।

2023: बिजली दरों में बढ़ोतरी और गेहूं पर सब्सिडी हटाने के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे।

2022: एक नए कानून का विरोध करते हुए लोगों ने आजादी के नारे लगाए और सड़कें जाम की थीं।


स्थानीय लोगों का कहना है कि मंगला डैम से बिजली पैदा होने के बावजूद उन्हें महंगी बिजली दी जाती है। यही गुस्सा अब बड़े आंदोलन में तब्दील हो गया है।

मानवाधिकार संगठनों की चिंता

कई मानवाधिकार संगठन PoK की मौजूदा स्थिति पर चिंता जता रहे हैं। उनका कहना है कि पाकिस्तानी सेना प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बर्बरता दिखा रही है और आम नागरिकों की आवाज दबाई जा रही है।

Vishwajeet

मेरा नाम विश्वजीत कुमार है। मैं वर्तमान में झारखंड वार्ता (समाचार संस्था) में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। समाचार लेखन, फीचर स्टोरी और डिजिटल कंटेंट तैयार करने में मेरी विशेष रुचि है। सटीक, सरल और प्रभावी भाषा में जानकारी प्रस्तुत करना मेरी ताकत है। समाज, राजनीति, खेल और समसामयिक मुद्दों पर लेखन मेरा पसंदीदा क्षेत्र है। मैं हमेशा तथ्यों पर आधारित और पाठकों के लिए उपयोगी सामग्री प्रस्तुत करने का प्रयास करता हूं। नए विषयों को सीखना और उन्हें रचनात्मक अंदाज में पेश करना मेरी कार्यशैली है। पत्रकारिता के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश करता हूं।

Join WhatsApp

Join Now