नई दिल्ली: भारत और चीन के बीच लगभग पांच साल बाद एक बार फिर सीधी हवाई सेवाएं शुरू होने जा रही हैं। विदेश मंत्रालय (MEA) ने गुरुवार को घोषणा की कि अक्टूबर 2025 के अंत तक दोनों देशों के बीच डायरेक्ट कमर्शियल फ्लाइट्स बहाल कर दी जाएंगी। यह फैसला दोनों देशों की सिविल एविएशन अथॉरिटीज के बीच हुई तकनीकी बातचीत के बाद संभव हुआ है।
MEA ने अपने बयान में कहा कि अक्टूबर के अंत से भारत और चीन के बीच तय मार्गों पर हवाई सेवाएं बहाल हो जाएंगी, बशर्ते एयरलाइन ऑपरेटर सभी संचालन मानदंडों का पालन करें। मंत्रालय का मानना है कि यह कदम दोनों देशों के बीच लोगों और व्यापारिक संपर्क को आसान बनाएगा और धीरे-धीरे द्विपक्षीय रिश्तों को सामान्य करने में मदद करेगा।
पीएम मोदी-शी जिनपिंग बैठक के बाद हुआ फैसला
जानकारी के मुताबिक, फ्लाइट्स की बहाली का निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हाल ही में हुई मुलाकात के बाद आया है। दोनों नेता शंघाई सहयोग संगठन (SCO) सम्मेलन के दौरान मिले थे और वहां उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों को स्थिर करने और यात्रा को सुगम बनाने के तरीकों पर चर्चा की थी।
2020 से बंद थीं सीधी फ्लाइट्स
गौरतलब है कि 2020 की शुरुआत में COVID-19 महामारी के चलते भारत-चीन के बीच सीधी उड़ानें निलंबित कर दी गई थीं। इसके बाद केवल सीमित पुनर्वास सेवाएं ही चलाई गईं। जून 2020 में गलवान घाटी की घटना ने रिश्तों को और ज्यादा तनावपूर्ण बना दिया और दोनों देशों के बीच कूटनीतिक व व्यापारिक संपर्क लगभग ठप पड़ गया।
यात्रियों को बड़ी राहत
सीधी उड़ानों की वापसी से छात्रों, कारोबारियों और परिवारों को सबसे ज्यादा राहत मिलेगी। अब तक यात्रियों को भारत-चीन यात्रा के लिए तीसरे देशों से लंबी कनेक्टिंग फ्लाइट्स लेनी पड़ती थीं। वहीं, हाल के महीनों में भारत ने चीनी नागरिकों को वीजा जारी करना फिर से शुरू किया है, जबकि चीन ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए भारतीय यात्रियों के प्रवेश की अनुमति दी है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह पहल भारत-चीन संबंधों में जमी बर्फ पिघलने का संकेत है और आने वाले समय में दोनों देशों के बीच व्यापार, शिक्षा और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को नई गति मिल सकती है।
भारत-चीन के बीच फिर शुरू होंगी सीधी उड़ानें, 5 साल बाद हवाई सेवा बहाल












