गढ़वा: पलामू सांसद विष्णु दयाल राम की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित सभागार में गढ़वा जिला अंतर्गत केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा विभिन्न संचालित महत्वपूर्ण योजनाओं की समीक्षात्मक बैठक संपन्न की गई।

उक्त समीक्षात्मक बैठक में मुख्य बिंदु क्रमशः सोन-कनहर पाइप लाइन सिंचाई योजना, भारतमाला परियोजना के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 39 (75) एवं 343 का फोरलेन सड़क निर्माण, बाईपास व अन्नराज घाटी में ब्लैक स्पॉट निर्माण कार्य योजना तथा कांडी प्रखंड के श्रीनगर-पंडुका के बीच सोन नदी पर ब्रिज का निर्माण कार्य आदि रही। सर्वप्रथम माननीय सांसद द्वारा सोन-कनहर पाइपलाइन सिंचाई योजना के कार्य अब तक पूर्ण नहीं होने का कारण पूछा गया। उन्होंने कहा कि इस योजना की प्राप्ति वर्ष 2019 में हो चुकी थी एवं 2022 तक पूर्ण करने का अवधि निर्धारित था।
मौके पर उपस्थित कार्यपालक अभियंता लघु सिंचाई प्रमंडल द्वारा बताया गया कि इस योजना से संबंधित 95% क्षेत्र में कार्य पूर्ण हो चुका है। शेष अपूर्ण कार्यों के लिए फॉरेस्ट क्लीयरेंस सर्टिफिकेट नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि पीएससी की बैठक में आवश्यक निर्देश मिलने के फलस्वरुप फॉरेस्ट क्लीयरेंस हेतु अग्रेतर कार्रवाई की जा रही है जिसे एक माह के अंदर पूर्ण कर लिया जाएगा। सोन-कनहर पाइप लाइन सिंचाई योजना का अधिकांश भाग वन क्षेत्र होने एवं भवनाथपुर सेल माइंस का क्षेत्र होने के चलते भी एनओसी सर्टिफिकेट के लिए अग्रेतर कार्रवाई की गई है। एनओसी मिलते ही जल्द कार्य शुरू करते हुए योजना पूर्ण कर ली जाएगी। माननीय सांसद द्वारा इस महत्वपूर्ण योजना को जल्द से जल्द पूर्ण करने को लेकर निर्देशित किया गया ताकि किसानों को सिंचाई हेतु पानी पाइप लाइन के माध्यम से पहुंचा जा सके।

भारतमाला प्रोजेक्ट के अंतर्गत राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 39 (75) एवं 343 का फोरलेन सड़क निर्माण की भी समीक्षा की गई। साथ ही अन्नराज घाटी में ब्लैक स्पॉट निर्माण कार्य योजना की समीक्षा की गई। समीक्षा के दौरान गढ़वा बाईपास सड़क निर्माण में आ रही समस्या की चर्चा की गई, जिसमें एनएचएआई के प्रतिनिधि द्वारा बताया गया कब्रिस्तान के ऊपर बनाये जा रहे ब्रिज की हाईट को लेकर कुछ समस्याएं है, जिनके नए डिजाइन हेतु प्रस्ताव एनएचएआई को भेजा गया है। प्रस्ताव स्वीकृत होते ही कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा।

एनएच- 75 सेक्सन- 5 सड़क के फोरलेन/चौड़ीकरण को लेकर मौके पर उपस्थित जिला भू-अर्जन पदाधिकारी से रैयतों के अधिग्रहित भूमि के विरूद्ध मुआवजा भुगतान के बारे में पूछा गया। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी द्वारा बताया गया कि योजना के तहत रैयतों के मुआवजा भुगतान हेतु 450 करोड रुपए के स्थान पर 422 करोड रुपए प्राप्त हुए हैं, जिसमें 302 करोड रुपए का भुगतान कर दिया गया है एवं शेष 120 करोड रुपए के भुगतान की प्रक्रिया जारी है। अगले दो से तीन माह के अंदर भुगतान संबंधी सारी प्रक्रिया पूर्ण कर ली जाएगी।
