ABVP ने सीएम हेमंत सोरेन का किया पुतला दहन, कहा: युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करना,सत्ता के नशा से मुक्त कर देंगे

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गढ़वा:– अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गढ़वा के द्वारा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का पुतला दहन किया गया। पुतला धन का नेतृत्व जिला संयोजक विकास चंद्रवंशी ने की इस अवसर पर मुख्यमंत्री का पुतला बना कर चिनिया मोड से लेकर रंका मोड़ ले जाया गया।विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता का आक्रोश पूर्ण रूप से देखने को मिला, हेमंत सोरेन मुरादाबाद, हेमंत सोरेन होश में आओ, छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना बंद करो,छात्र विरोधी काला कानून वापस लो सहित कई प्रकार के नारे लगाते हुए रंका मोड़ पहुंची जहां परिषद के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया है।

इस मौके पर मुख्य रूप से उपस्थित प्रदेश सहमंत्री निशांत चतुर्वेदी ने कहा कि वर्तमान समय मे हेमंत सरकार के द्वारा झारखण्ड प्रतियोगी परिक्षा विधेयक पारित किया गया है जो अंग्रेजी हुकूमत की रॉलेट एक्ट के भाती ही काला कानून छात्रो के लिए साबित होने जा रहा है। यह काला कानून छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करने जैसा है।किसी छात्र को सिर्फ आरोप पत्र दाखिल होने पर ही परीक्षा से वंचित कर देना कहा तक सही है। इस विधेयक की दूसरी खामी यह है कि , इसमें प्रारंभिक जांच के बिना ही किसी व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा सकता है उस पर प्राथमिकी दर्ज की जा सकती है।

जबकि इसी प्राथमिकी के आधार पर परीक्षार्थी को परीक्षाओं से वंचित करने का भी प्रावधान है।उन्होंने बताया कि हेमंत सोरेन पर युवाओं को रोजगार देने के बजाय नियोजन नीति जैसे अन्य नित्या युवाओं को मुख्य राह से भटका रही हैं । हेमंत सोरेन को अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार देना चाहिए वही उसके जगह मुख्यमंत्री छात्रों के विरोध तुगलक की कानून फरमान पारित कर छात्रों के भविष्य के साथ खेल रहे हैं आने वाला भविष्य में झारखंड के छात्र बर्दाश्त नहीं करेंगे और उन्हें सत्ता के नशा से मुक्त कर देंगे।

विभाग सह संयोजक शंशाक कुमार चौबे ने कहा कि हेमंत सरकार को छात्रहित को धयान मे रख कर कानून बनाना चाहिए ताकी छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ न हो।उन्होंने कहा कि संदेह के आधार पर छात्रों को जेल एवं जुर्माना संवैधानिक नहीं है।भारतीय संविधान कहता है कि दोष सिद्ध ना हो जाने तक कोई व्यक्ति दोषी नहीं माना जा सकता है जबकि विधेयक के अनुसार सिर्फ आरोप लगने पर ही प्रतियोगियों को परीक्षा देने से वंचित कर देने का प्रावधान है।

जिला संयोजक विकास चंद्रवंशी ने कहा कि झारखंड की प्रतियोगी परीक्षा में नकल पर रोक लगाना सराहनीय है परंतु सामान्य छात्र एवं कोचिंग संस्थानों पर उम्र कैद की सजा एवं उसके साथ करोड़ों रुपए का जुर्माना दोनों सजा लोकतंत्र का गला घोटने जैसा है,अगर इस काले प्रस्ताव को झारखंड सरकार वापस नहीं लेती है तो विद्यार्थी परिषद आम छात्रों के साथ पूरे राज्य में राज्यव्यापी आंदोलन करने को बाध्य होगी।जांच और अन्वेषण की आवश्यकता ना होना , इस विधयेक को भी गैर संवैधानिक बनाता है।

मौके पर जिला टीएसविपी प्रमुख हरिओम, खेलकूद प्रमुख पंकज चौबे, जिला कला मंच सह प्रमुख करण कुमार, नगर मंत्री अखिल कुमार, पुरुषोत्तम चंदेल,सुगंध कुमार बघेल, शुकुल कुमार,कुंदन गुप्ता, अंकित , हर्ष ,गौरव, रितिक,शुभम,आकाश,गोलू, रामू, उमेश, रघुराई सहित विभिन्न कार्यकर्ता उपस्थित रहे

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